Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति70 वर्षों में पहली बार, त्रिपुरा के अंतिम राजा के जन्मदिन पर राजकीय अवकाश...

70 वर्षों में पहली बार, त्रिपुरा के अंतिम राजा के जन्मदिन पर राजकीय अवकाश घोषित

अंतिम राजा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के अपार योगदान के मद्देनज़र, राज्य की भाजपा सरकार ने 2020 से उनके जन्मदिन को (19 अगस्त को) आधिकारिक अवकाश के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

देशी रियासत के भारतीय संघ में विलय के बाद 70 वर्षों में पहली बार, त्रिपुरा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य के अंतिम राजा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के जन्मदिन 19 अगस्त को अगले साल से एक आधिकारिक राजकीय अवकाश के रूप में अधिसूचित किया है। शुक्रवार (8 नवंबर) को इसकी जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई।

त्रिपुरा सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के अंतिम राजा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के अपार योगदान के मद्देनज़र, राज्य सरकार ने अगले साल यानी 2020 से उनके जन्मदिन को (19 अगस्त को) आधिकारिक अवकाश के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।

अधिकारी ने कहा कि राजा बिक्रम (1908-1947), जिन्होंने 1923 से 17 मई, 1947 तक राज्य पर शासन किया था, उन्होंने 28 अप्रैल, 1947 को एक शाही फ़रमान जारी करके त्रिपुरा की तत्कालीन रियासत को भारतीय संघ में विलय करने का फ़ैसला किया था। बैरिस्टर गिरिजा शंकर गुहा को संविधान सभा में अपने डोमेन के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था।

राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने पिछले साल राजा बिक्रम के नाम पर अगरतला हवाई अड्डे का नाम बदल दिया। उन्होंने 1942 में हवाई अड्डे का निर्माण करवाया था और उस हवाई पट्टी ने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अगरतला हवाई अड्डा, जिसे पहले सिंगरबिल हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता था, राजधानी से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और बांग्लादेश सीमा के साथ सटा हुआ है।

इससे पहले, अंतिम राजा के नाम पर 1947 में एक कॉलेज की स्थापना की गई थी, जबकि पिछली वाम मोर्चा सरकार ने महाराजा के नाम पर अगरतला में एक विश्वविद्यालय और एक क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना की थी। जानकारी के लिए बता दें कि 184 राजाओं द्वारा कई सौ वर्षों के शासन के बाद, अक्टूबर 1949 में त्रिपुरा का भारतीय संघ में विलय हुआ था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -