Saturday, November 9, 2024
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BJP को अकेले 350 सीट, जिस-जिस के लिए PM मोदी कर रहे प्रचार… सबको 5-7% अधिक वोट: अर्थशास्त्री का दावा- मजबूत नेतृत्व का अभाव विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या

सुरजीत भल्ला ने विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस को लगभग 44 सीटें मिलने का अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए कॉन्ग्रेस को 2014 के मुकाबले 2024 में लगभग 2% वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। सुरजीत ने विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या मजबूत नेतृत्व न होना बताया है।

देश के नामी अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी अकेले अपने दम पर लगभग 350 सीटें जीत सकती है। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु में भाजपा को 5 सीटें मिल सकती हैं। सुरजीत भल्ला ने विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या मजबूत नेतृत्व का न होना बताया है।

सुरजीत भल्ला ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी अकेले अपने दम पर 330 से 350 सीटों के बीच जीत सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जिन भी पार्टियों के प्रचार में नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं, उनको साल 2019 के मुकाबले 2024 में 5 से 7 प्रतिशत अधिक वोटों का फायदा मिल सकता है।

अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला 20 अप्रैल को NDTV को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान कहीं। इस इंटरव्यू में एंकर ने उनके द्वारा लिखी गई किताब ‘हाउ वी वोट’ का जिक्र किया। इस किताब के एक चैप्टर में भारत की राजनीति का जिक्र है।

सुरजीत भल्ला ने विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस को लगभग 44 सीटें मिलने का अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए कॉन्ग्रेस को 2014 के मुकाबले 2024 में लगभग 2% वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। सुरजीत ने विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या मजबूत नेतृत्व न होना बताया है।

विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे बेरोजगारी और आर्थिक हालातों के मुद्दों पर सुरजीत ने कहा कि ये वोटरों के मन पर बहुत असर नहीं डाल पाएँगे। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर में विपक्ष चुनी सरकारों के खिलाफ ऐसे मुद्दे उठाता रहता है।

इंटरव्यू के दौरान सुरजीत ने दक्षिण भारत में भाजपा के प्रदर्शन पर भी अपने विचार रखे। सुरजीत ने कहा कि साल 2024 में भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु में लगभग 5 या उस से अधिक सीटें जीत सकती है। वहीं केरल में उनके अनुमान से भाजपा की झोली में 1 या 2 सीट मिलने का अनुमान जताया है।

वोटरों के मन की बात का जिक्र भी अर्थशास्त्री ने किया। उन्होंने कहा कि लोग इस बात के लिए वोट देते हैं कि उनके द्वारा चुनी सरकार ने उन के जीवन को कितना सुधारा। जाति या लिंग का फैक्टर उन्होंने चुनावों पर बहुत कम असर डालने वाला बताया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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