Saturday, July 27, 2024
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भव्य मंदिर में विराजे श्रीराम, विकास की बही गंगा, खड़ी हुई धर्म की अर्थव्यवस्था… फिर भी अयोध्या वाली फैजाबाद सीट से हार गए BJP के लल्लू सिंह, सपा के अवधेश प्रसाद जीते

फैजाबाद लोकसभा सीट पर लगभग 5 लाख वोट पाने वाले 2 बार के सांसद लल्लू सिंह को हार का मुँह देखना पड़ा है। उन्हें समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद पासी ने हराया।

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। अधिकाँश सीटों पर जीत-हार के आँकड़े भी सामने आ चुके हैं। बीजेपी की अगुवाई में एनडीए स्पष्ट जनादेश पाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। देश की 543 लोकसभा सीटों में से एक सीट, जिसपर पूरे देश की नजर थी। वो सीट थी-फैजाबाद लोकसभा सीट। भगवान राम की नगरी अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट, जहाँ बीजेपी को हार का मुँह देखना पड़ा। हैरानी की बात ये है कि जिस राम मंदिर को लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की जीत की गारंटी माना जा रहा था, उसी अयोध्या में बीजेपी को हार का मुँह देखना पड़ा, वो भी उस पार्टी के खिलाफ, जिसके दामन पर राम भक्तों के खून के छींटे पड़े।

फैजाबाद लोकसभा सीट पर लगभग 5 लाख वोट पाने वाले 2 बार के सांसद लल्लू सिंह को हार का मुँह देखना पड़ा है। उन्हें समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद पासी ने हराया। अवधेश प्रसाद पासी को लोकसभा चुनाव में कुल 5 लाख 54 289 मत मिले, तो बीजेपी के लल्लू सिंह को 54,567 कम वोट मिले और वो 4 लाख 99 हजार 722 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। ये आँकड़े शाम 7.44 बजे तक के हैं।

फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा की जीत (फोटो साभार : चुनाव आयोग वेबसाइट)

इस साल की शुरुआत में जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, तो सारी दुनिया में संदेश गया कि हिंदुओं का 500 साल का संघर्ष रंग लाया और भगवान राम अपने जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में आ गए। इन पाँच सौ सालों के संघर्ष में 30 अक्टूबर 1990 को उस समय समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। उनके शासनकाल में कारसेवकों पर गोली चलाई गई और एक साथ 5 राम भक्तों को मार दिया गया। इस घटना के 3 दिन बाद ही 2 नवंबर को दूसरी बार पुलिस की बंदूकें गरजी थी और देढ़ दर्जन कारसेवकों को मौत के घाट उतार दिया गया, इन्हीं में कोठारी बंधु भी शामिल थे। इसके करीब 2 साल बाद बाबरी का विध्वंस हुआ और लंबे संघर्ष के बाद साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हुआ।

राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरी दुनिया के भक्तों ने दिल-खोलकर दान दिया। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, तो हर लोग हजारों-लाखों लोग दर्शन के लिए पूरे देश से पहुँचने लगे। ऐसे में राजनीतिक जानकारों ने माना कि राम मंदिर की वजह से बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगी, लेकिन नतीजे आए हैं, तो अयोध्या से ही राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देने वाली पार्टी को ही हार का मुँह देखना पड़ गया और जिस पार्टी ने अयोध्या में राम भक्तों का खून बहाया, उस पार्टी के कैंडिडेट को जीत मिल चुकी है।

अयोध्या में विकास कार्यों की भरमार

राम मंदिर के शिलान्यास को ध्यान में रखकर अयोध्या में ढेरों प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हुई। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया गया। रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया गया। शहर के अंदर सड़कों को मजबूत किया गया। सीवर लाइन, बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया गया। अयोध्या के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाई गई। तमाम बड़े ग्रुपों ने अयोध्या में निवेश किया है। नए होटल्स बने हैं। 394 करोड़ से 4 लेन अयोध्या अकबरपुर बसखारी मार्ग, एनएच 27 से रामपथ तक रेलवे पार पथ, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज, दर्शन नगर के पास रेलवे ओवर ब्रिज आदि का कार्य पूरा किया गया। इसके अलावा, अमानीगंज में मल्टी लेवल पार्किंग, कलेक्ट्रेट के पास स्मार्ट वाहन पार्किंग, पंचकोसी और चौदहकोसी मार्ग पर इंटरप्रिटेशन वॉल का निर्माण, परिक्रमा मार्ग पर 25 से ज्यादा पयर्टन स्थलों और कुंडों का विकास, डेकोरेटिव पोल और हेरिटेज लाइटों की स्थापना का कार्य, कौशल्या सदन का निर्माण, मुक्ति वैकुंठ धाम के विकास का कार्य किया गया।

यही नहीं, अयोध्या के 7 वार्डों में 24 घंटे जलापूर्ति, सूर्यकुंड के पास आरओबी, मार्च में अयोध्या अकबरपुर मार्ग पर फतेहगंज आरओबी, अयोध्या बिल्हौरघाट 4 लेन सड़क, गुप्तार घाट का सौंदर्यीकरण, नया घाट से लक्ष्मण घाट तक पर्यटन सुविधाओं का विकास, अयोध्या सोलर सिटी का कार्य पूरा किया गया। अप्रैल में अवध बस स्टैंड के पास आश्रय गृह का निर्माण, नाका बाइपास के पास कल्याण भवन का निर्माण, चार ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों का निर्माण पूरा किया गया, तो अयोध्या सीवरेज योजना का पार्ट वन पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही 473 करोड़ से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग चौड़ीकरण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा और 1140 करोड़ से चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग का विस्तारीकरण पूरा किया गया।

इसके साथ ही एनएच 27 में लखनऊ अयोध्या खंड का चौड़ीकरण और सुदृढ़िकरण का कार्य, ग्रीन फील्ड टाउनशिप परियोजना, वशिष्ठ कुंज आवासीय परियोजना, नगर निगम और विकास प्राधिकरण कार्यालय भवन, सीपेट केंद्र, गुप्तार घाट और राजघाट के बीच नए पक्के घाटों का निर्माण का निर्माण किया गया। इसके अलावा, पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा, राम की पैड़ी से राजघाट तक और राजघाट से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक श्रद्धालु भ्रमण पथ का सुदृढ़िकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य भी योगी सरकार ने किया। आज अयोध्या पूरी दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहर के तौर पर उभर कर सामने आई है।

खास बात ये है कि अयोध्या में पिछले कुछ सालों में विकास के जितने काम हुए, उतने शायद ही पूरे देश में किसी टियर-3 शहर में हुए होंगे, इसके बावजूद आम जनमानस के दिल में शायद कोई कसक बाकी रह गई, तभी तो… विकास से लेकर धार्मिक कार्यों तक, जिस बीजेपी ने अयोध्या को आगे बढ़ाने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया, उसके लोकसभा चुनाव 2024 में अयोध्या की जनता एकजुट नहीं हो सकी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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