Saturday, July 27, 2024
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कौन हैं MLA सरबत करीम अंसारी, जो ‘ईश्वर’ के नाम शपथ 3 बार में भी पूरा नहीं कर पाए

मंगलौर उत्तराखंड की मुस्‍ल‍िम बहुल सीटों में शामिल है। उत्तराखंड व‍िधानसभा की ये ऐसी सीट हैं, ज‍िस पर लंबे समय से कॉन्ग्रेस और बीएसपी के बीच मुकाबला होता रहा है।

उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस बार बसपा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही। बसपा को दो ही सीट पर जीत मिली, जिसकी बदौलत बसपा ने विधानसभा में 5 साल के अंतराल के बाद फिर से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की है। हरिद्वार के मंगलौर व‍िधानसभा सीट से जीत के आए बीएसपी के उम्मदीवार सरबत करीम अंसारी तीन बार में भी अपना शपथ ग्रहण पूरा नहीं कर पाए।

पहली बार में हिंदी में ईश्वर के नाम पर शपथ लेते हुए ठीक से नहीं पढ़ पाए। फिर दोबारा-तिबारा करके जैसे-तैसे शपथ ग्रहण पूरा किया। हालाँकि, इस दौरान प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत लगातार मदद करते नजर आए। लेकिन कभी पन्ना फटा है, तो कभी कठिन या कटा हुआ कहते नजर आए। अंत में प्रोटेम स्पीकर ने जैसे तैसे शपथ ग्रहण पूरा कराया।

नीचे वीडियो में आप उन्हें शपथ लेते हुए देख भी सकते हैं। अंत में प्रोटेम स्पीकर को खुद ही बोलकर सरबत करीम अंसारी को शपथ दिलाकर, खुद ही बधाई दी।

बता दें कि उत्तराखंड व‍िधानसभा चुनाव 2022 में मंगलौर व‍िधानसभा सीट पर बीएसपी के उम्मदीवार ने जीत दर्ज की है। बीएसपी उम्मीदवार सरबत करीम अंसारी ने काजी न‍िजामुद्दीन को 598 वोटों से हराया था। सरबत करीम अंसारी को 32,660 वोट और काजी न‍िजामुद्दीन को 32,062 वोट मिले।

मंगलौर उत्तराखंड की मुस्‍ल‍िम बहुल सीटों में शामिल है। उत्तराखंड व‍िधानसभा की ये ऐसी सीट हैं, ज‍िस पर लंबे समय से कॉन्ग्रेस और बीएसपी के बीच मुकाबला होता रहा है। इस बार भी कॉन्ग्रेस के ट‍िकट पर काजी न‍िजामुद्दीन ने चुनाव लड़ा था, तो वहीं बीएसपी के ट‍िकट पर सरबत करीम अंसारी और बीजेपी के ट‍िकट पर द‍िनेश पंवार चुनाव मैदान में थे। जिसमें करीम अंसारी ने बाजी मारी।

बसपा के हाथ उत्तराखंड के जो दो सीट लगे उनमें लक्सर सीट से मोहम्मद शहजाद और मंगलौर सीट पर सरबत करीम अंसारी जीतने वालों में शामिल हैं। इन दोनों सीट पर जीत के साथ बसपा ने एक बार फिर विधानसभा पहुँचने में सफलता पाई है।

इस प्रकार उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा का प्रदर्शन तीसरे प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में रहा। जहाँ वर्ष 2002 में हुए पहले चुनाव में बसपा ने सात सीटें जीती थी। वर्ष 2007 में बसपा ने आठ सीटों पर कब्जा जमाया। वहीं वर्ष 2012 में बसपा का वोट बैंक तो बढ़ा, लेकिन उसकी सीटों की संख्या घट कर तीन रह गई थी।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में मोदी मैजिक के सामने बसपा भी अपना खाता नहीं खोल पाई थी। वहीं मौजूदा विधानसभा चुनाव में बसपा ने पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दो सीटों पर जीत दर्ज की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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