पंजाब में सत्तारुढ़ कॉन्ग्रेस पार्टी में अंदरुनी खींचतान जारी है। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कॉन्ग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के तेवर में कोई नरमी नहीं दिख रही है। सूत्रों का कहना है कि सिद्धू का खुलकर समर्थन कर रहे विधायकों के खिलाफ CM कैप्टन अमरिंदर सिंह एक्शन ले सकते हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू 23 जुलाई को कार्यभार सँभालने जा रहे हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि सिद्धू के साथ खुले तौर पर दिखाई दे रहे विधायकों के खिलाफ जाँच संबंधी खुली फाइलों को लेकर अब सीएम अमरिंदर सिंह एक बार फिर से कार्रवाई करने के मूड में हैं। बताया जा रहा है कि सिद्धू के साथ शक्ति प्रदर्शन में शामिल कुछ कॉन्ग्रेस विधायकों पर पंजाब सीआईडी की नजर है।
इन पर आरोप हैं कि ये लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अवैध कामों में शामिल रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सीआईडी की टीम सिद्धू के घर के बाहर सादे कपड़ों में मौजूद हैं। वो अमृतसर में सिद्धू के घर में इकट्ठे हुए विधायकों पर नजर रखे हुए हैं।
मोगा के कस्बा बाघापुराना के विधायक दर्शन बराड़ (Darshan Barar) पर आरोप है कि उन्होंने पंजाब के होशियारपुर में अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर क्रैशर लगा रखा है और लगातार अवैध माइनिंग करके पंजाब सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं। इस मामले में बराड़ को दिसंबर 2020 में ही खनन विभाग की तरफ से नोटिस भेजा गया था और उन पर 1.65 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
कैप्टन से कर चुके हैं माफी की गुहार
तब से लेकर अब तक दर्शन बराड़ लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर इस जुर्माने को माफ करने और नोटिस वापस करवाने का दबाव बना रहे थे, लेकिन जब कैप्टन ने ऐसा नहीं किया तो दर्शन खुलकर नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में आ गए।
अब एक बार फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दर्शन बराड़ की यही जुर्माने वाली फाइल फिर से खोलने की तैयारी कर ली है। आने वाले दिनों में दर्शन बराड़ पर माइनिंग विभाग की तरफ से दबाव बनाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
62 कॉन्ग्रेस विधायक पहुँचे सिद्धू के घर
बुधवार (जुलाई 21, 2021) को नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के विधायकों को अपने अमृतसर आवास पर नाश्ते के लिए बुलाया था। 62 कॉन्ग्रेस विधायक उनके आवास पर पहुँचे। इसके बाद मंत्रियों-विधायकों के साथ सिद्धू स्वर्ण मंदिर पहुँचे।
कहीं बिगड़ न जाए चुनावी माहौल
उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह से कोई बातचीत नहीं हुई है। दोनों नेताओं के बीच इस टकराव ने पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। उनका मानना है कि दोनों के बीच तालमेल का अभाव रहा तो चुनाव में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के बीच तालमेल जरूरी है। पर अभी तक दोनों गुट एक दूसरे से माफी मँगवाने की माँग पर अड़े हुए हैं।