सीबीआई (CBI) ने पी. चिदंबरम कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है। इसमें चिदंबरम की याचिका पर एकपक्षीय आदेश नहीं जारी करने कि माँग की गई है। प्रक्रिया के मुताबिक, अब सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम को तत्काल गिरफ्तारी से संरक्षण मिलना मुश्किल है। सीबीआई का पक्ष जानने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट कैविएट दाखिल होने पर आदेश जारी करता है।
CBI तथा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी से राहत माँगने वाली याचिका के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किए हैं। अब कोर्ट कैविएट दायर करने वालों का पक्ष सुने बिना मामले में कोई फैसला नहीं सुना सकता है।
Enforcement Directorate (ED) has also filed a caveat (court can’t pass any order without hearing the party filing it) in the Supreme Court, in the petition filed by #PChidambaram seeking protection from arrest. https://t.co/9kFEDm22N7
— ANI (@ANI) August 21, 2019
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार (अगस्त 20, 2019) को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज, बुधवार को कहा कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की वह अपील तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखी जाएगी जिसमें उन्होंने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से पूर्व जमानत के लिए दी गई अपनी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एन वी रमण ने चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि मामला प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से किसी भी तरह का संरक्षण देने से मना कर दिया था।
आज ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पी चिदंबरम के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया। इसके बाद कॉन्ग्रेस नेता संजय निरुपम ने सरकार पर चिदंबरम से चोर सरीखा व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है। निरुपम ने लिखा- “पी चिदंबरम के लिए लुक आउट नोटिस! यह थोड़ा ज्यादा हो गया। देश के विद्वान राजनीतिज्ञ, पूर्व गृह मंत्री और वित्त मंत्री को एक चोर की तरह माना जा रहा है।”
Look out notice for P. Chidambaram ?
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) August 21, 2019
It sounds a bit too much.
Country’s scholarly politician, former Home minister and Finance minister being treated like a thief.
This is not good at all.
चिदंबरम के वकीलों ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मामले को अर्जेन्ट सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। फिलहाल सीजेआई गोगोई राम मंदिर मामले की सुनवाई में व्यस्त हैं। उधर ईडी ने चिदंबरम के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसके बाद वह विदेश नहीं भाग पाएँगे।
न्याय प्रणाली में केवियट (Caveat) का अर्थ –
किसी व्यक्ति द्वारा अदालत से आप के विरुद्ध अचानक कोई आदेश लाने की आशंका होने पर कैवियट की अर्जी डाली जाती है, ताकि आपको पूर्व सूचना मिल सके कि आपके विरुद्ध क्या अर्जी डाली जा रही है, आपको आपके विरुद्ध डाली जा रही अर्जी की प्रति लिपि (copy) भी भेजी जाती है |
किसी व्यक्ति को इस तरह की भी आशंका हो सकती है कि किसी मामले को ले कर उस के विरुद्ध किसी न्यायालय में कोई वाद या कार्यवाही संस्थित करके अथवा पहले से संस्थित किसी वाद या कार्रवाई में उसकी अनुपस्थिति में कोई आवेदन प्रस्तुत कर कोई आदेश प्राप्त किया जा सकता है। उस स्थिति में अदालत में खुद व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 148-अ के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। इस आवेदन को केवियट (caveat) कहा जाता है।