Saturday, April 27, 2024
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लालू यादव के खिलाफ नया मुकदमा चलाएगी CBI, केंद्र सरकार से मिल गई अनुमति: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन का है मामला, परिवार-रिश्तेदार घेरे में

बता दें कि जिस समय यह घोटाला हुआ था, उस समय लालू प्रसाद यादव यूपीए शासनकाल में रेलमंत्री थे। उस समय नौकरी के देने बदले लालू प्रसाद यादव के परिजनों को पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित की गई थी।

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नौकरी के बदले जमीन घोटाले के मामले में लालू यादव के खिलाफ CBI को मुकदमा चलाने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है।

केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार (13 जनवरी 2023) को सरकार की मंजूरी से संबंधित कागजात को एक विशेष अदालत के समक्ष जमा की। अधिकारियों ने यह भी बताया कि एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मुकदमा चलाने की मंजूरी विशेष अदालत के लिए एक शर्त है।

बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल 7 अक्टूबर 2022 को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में नौकरी देने के बदले रिश्वत के रूप में जमीन लेने का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई की एक विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एजेंसी ने लालू यादव और उनके परिवार के साथ-साथ मध्य रेलवे की पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन, पूर्व रेलवे सीपीओ कमल दीप मैनराई, नियुक्त सात उम्मीदवारों और चार व्यक्तियों को भी नामजद किया है।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “जाँच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचते हुए जमीन के बदले उनके या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया।”

आरोप पत्र में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन रिश्वत के रूप में ली गई थी। इन जमीनों का अधिग्रहण सर्किल रेट से कम और मार्केट रेट से काफी कम रेट पर किया गया था। ये जमीन राबड़ी देवी और उनकी बेटियों भारती एवं हेमा यादव के नाम पर ट्रांसफर किया गया था।

बता दें कि जिस समय यह घोटाला हुआ था, उस समय लालू प्रसाद यादव यूपीए शासनकाल में रेलमंत्री थे। उस समय नौकरी के देने बदले लालू प्रसाद यादव के परिजनों को पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित की गई थी।

इस घोटाले में बिना विज्ञापन निकाले रिश्वत देने वाले अभ्यार्थियों को तीन दिन के अंदर रेलवे में नौकरी दे दी गई थी। इतना ही नहीं, इन उम्मीदवारों ने नौकरी के लिए झूठे स्थानांतरण प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय में झूठे प्रमाणित दस्तावेज भी जमा कराए थे।

इस मामले में सीबीआई ने मई महीने में लालू यादव और उनके परिजनों के दिल्ली और पटना के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। पटना में अधिकारियों ने राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें बनाई गई। दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से CBI के एसपी और डीएसपी स्तर के अफसरों ने पूछताछ की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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