कोरोना महामारी के कारण प्रभावित राज्य के श्रमिकों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (जून 9) को 230 करोड़ रुपए की सौगात दी। प्रदेश के 23.2 लाख पंजीकृत श्रमिकों के खाते में भरण पोषण भत्ते के तौर पर सीएम योगी द्वारा 1000-1000 रुपए ट्रांसफर किए गए। इस दौरान सरकारी आवास पर एक कार्यक्रम में सीएम ने 5 श्रमिकों को खुद ये धनराशि दी। वहीं बाकियों से फोन कॉल के जरिए बात की ।
हर श्रमिकों के बैंक खाते में 1000 रुपए ट्रांसफर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सवा साल से न केवल प्रदेश बल्कि पूरा देश और दुनिया कोरोना माहमारी से लड़ रही है, लेकिन सामूहिक प्रयास से आज यूपी की स्थिति नियंत्रित है। वर्चुअल माध्यम से हमीरपुर के अतुल, वाराणसी के मिथिलेश, कानपुर के प्रवीण मिश्र, मेरठ के कुलदीप और झांसी के राशिद अली से बात करते हुए सीएम ने पहले सभी के कामकाज, घर-परिवार का हाल-चाल लिया और फिर सभी से सरकारी योजनाओं के बारे में फीडबैक लिया।
एक-एक कर सभी श्रमिकों ने बताया कि उन्हें बच्ची की शादी, पढ़ाई और मेडिकल जरूरतों के लिए सरकार से मदद मिली है। इसके अलावा, मुफ्त राशन मिलने पर सबने सीएम का आभार जताया। इस दौरान सीएम योगी ने यूपी राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में असंगठित क्षेत्र में कामगारों के पंजीकरण के लिए पोर्टल का शुभारंभ किया।
“दैनिक रूप से काम कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदार हों, दिहाड़ी मजदूर हों, रिक्शा चालक, पल्लेदार हों अथवा नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हों अथवा औद्योगिक इकाइयों आदि में काम करने वाले संगठित क्षेत्र के मजदूर, अपना पंजीकरण जरूर कराएँ। यह पंजीकरण राज्य सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए प्रबन्ध करने में सहायक होगा।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार में हर एक श्रमिक को चाहे वह संगठित क्षेत्र का हो या असंगठित क्षेत्र का हो, सामान्य कामगार हो या फिर कहीं एक्सप्रेस-वे पर काम कर रहा हो, उसे मात्र एक रजिस्ट्रेशन से 5,00,000 रुपए का वार्षिक बीमा कवर प्रदान करने का कार्य पूरी प्रतिबद्धता के साथ हो रहा है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार प्रदेश के अंदर दोनों क्षेत्रों के सभी श्रमिकों का पंजीकरण कर उन्हें 2 लाख रुपए की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगी। उन्होंने ये भी बताया कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने और इनके हितों का ख्याल रखने के लिए सरकार ने प्रदेश में आयोग गठित किया है।
उन्होंने श्रमिकों का प्रोत्साहन बढ़ाते हुए कहा कि श्रमिकों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले सवा साल से कोरोना के खिलाफ़ लगातार जारी जंग में श्रमिकों ने सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर मुकाबला किया। कोरोना की पहली लहर में घोषित लॉकडाउन के कारण चुनौतियाँ ज्यादा थीं। 40 लाख प्रवासी उस बीच राज्य में आए। सरकार ने इनके लिए भरण-पोषण से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था की।