उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी पर लगे जिन भी शिक्षकों की मौत हुई है, उनके परिजनों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुआवजा देने का निर्णय लिया है। राज्य की भाजपा सरकार ने इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं और साथ ही चुनाव आयोग को भी लिखा है। मृत शिक्षकों के परिजनों को वित्तीय मदद के साथ-साथ एक सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। सीएम योगी ने ऐसी घटनाओं पर दुःख भी जताया है।
हालाँकि, इससे पहले चुनावी ड्यूटी के दौरान हुई शिक्षकों की मौत के सरकारी आँकड़ों पर सवाल भी उठे थे। प्राथमिक शिक्षक संघ की सूची के अनुसार, प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों व बेसिक शिक्षा विभाग कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर एक मौत दुःखद है और सरकार की संवेदना सभी पीड़ितों के साथ है।
विवाद को ख़त्म करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से नियमों में संशोधन का आग्रह किया है। योगी सरकार ने गाइडलाइन में ड्यूटी अवधि में कोविड संक्रमित शिक्षक- कर्मचारियों की मौत को शामिल करने को कहा है। इस सम्बन्ध में पहले से जो गाइडलाइंस हैं, उन्हें भी बदला जाएगा। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों में संशोधन कर मुआवजे की राशि तय की जाएगी। मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) इस सम्बन्ध में राज्य निर्वाचन आयोग से बात करेंगे।
#NewsAlert | UP Govt to give financial aid & govt job to the kin of those who lost their lives during election duty.@Shehzad_ind with his perspective. pic.twitter.com/FBMoxYCoQ8
— TIMES NOW (@TimesNow) May 20, 2021
सीएम योगी ने ध्यान दिलाया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जिस वक्त जारी हुई थीं उस समय कोरोना नहीं था, इसीलिए इसमें संशोधन ज़रूरी है। इससे पहले सरकारी आँकड़ों में मात्र 3 मौतें ही दिखाई जा रही थीं, जबकि शिक्षक संघ का दावा इससे कई गुना ज्यादा का है। संगठन ने ऐसे प्रत्येक मामले में पीड़ित परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा की माँग की है। सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने भी सरकार के फैसले की पुष्टि की है।