Sunday, September 1, 2024
Homeराजनीतिसिंधिया ने नागरिकता बिल पर दिया बयान, किसी को पता नहीं चल रहा आखिर...

सिंधिया ने नागरिकता बिल पर दिया बयान, किसी को पता नहीं चल रहा आखिर कहना क्या चाहते हैं

अध्यादेश, संविधान, नागरिकता, जात-पात, धर्म, राज्य- यही वो चंद शब्द थे, जिसके इर्द-गिर्द ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान घूमता रहा। वो इन्हीं कुछ शब्दों में उलझे नज़र आए। हालाँकि वो किसी को ये नहीं समझा पाए कि आखिर वो कहना क्या चाहते थे।

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर चर्चा चल रही है। सभी पार्टियों के नेता अपना विचार रख रहे हैं। कॉन्ग्रेस समेत कई विपक्षियों ने इस बिल का विरोध किया है। इस बीच कॉन्ग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बयान सामने आया है। हालाँकि यह समझना काफी मुश्किल है कि आखिर उन्होंने बोला क्या? सभी लोग यह जानने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वो बोलना क्या चाहते हैं, मगर अफसोस… कोई समझ नहीं पा रहा।

अगर आप उनके बयान को सुनेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे कि उन्हें किसी ने जबरदस्ती इस विषय पर बयान के लिए कहा हो और उनके पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे, या फिर यूँ कहें कि वो अपने विचार को लेकर स्पष्ट नहीं थे। एक ही बात को बार-बार घुमाकर बोल रहे थे, जिसका कोई मतलब नहीं निकल रहा था। वीडियो में वो थोड़े से बदहवास से भी नज़र आ रहे थे। शायद थोड़े से परेशान भी थे। तभी तो नागरिकता संशोधन विधेयक को बार-बार ‘अध्यादेश’ बोल रहे थे।

इंदौर में जब मीडिया ने सिंधिया से नागरिकता संशोधन बिल पर राय पूछी तो वो 2-4 शब्दों तक ही सिमटे नज़र आए। इनका बयान सुनने पर दो-चार शब्द ही थे जिसे वो बार-बार दोहरा रहे थे। अध्यादेश, संविधान, नागरिकता, जात-पात, धर्म, राज्य- यही वो चंद शब्द थे, जिसके इर्द-गिर्द ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान घूमता रहा। वो इन्हीं कुछ शब्दों में उलझे नज़र आए। हालाँकि वो किसी को ये नहीं समझा पाए कि आखिर वो कहना क्या चाहते थे। इसके पीछे की वजह ये हो सकती है कि शायद वो खुद भी नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर कहना क्या है और किस संदर्भ में कहना है।

हालाँकि बाद में शायद उन्हें भी एहसास हुआ कि उनकी बातें लोगों के समझ में नहीं आ रहा है, तो उन्होंने ट्वीट करते हुए अपनी बातें स्पष्ट की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “CAB 2019 संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है, भारतीय संस्कृति के विपरीत भी है। अंबेडकर जी ने संविधान लिखते समय किसी को धर्म, जात के दृष्टिकोण से नहीं देखा था। भारत का इतिहास रहा है कि हमने सभी को अपनाया है- वसुधैव कुटुंबकम भारत की विशेषता है।धर्म के आधार पर पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।”

वैसे सिंधिया इससे पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर चुके हैं। हालाँकि कॉन्ग्रेस शुरू से लेकर अब तक सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है। कुछ दिनों पहले सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट के बॉयो से अपना कॉन्ग्रेसी परिचय हटा दिया था। इसे लेकर भी पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी की खबरों ने सुर्खियाँ बटोरी थी। ट्विटर के नए बॉयो में सिंधिया ने खुद को जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया था। अक्टूबर में भिंड में पार्टी के एक कार्यक्रम में भी सिंधिया ने मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था, “चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस ने दो लाख कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन किसानों के 50 हजार तक के ही कर्ज माफ हुए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -