Sunday, October 6, 2024
Homeराजनीतिनवरात्रि में नए ठिकाने के बारे में बताएँगे संजय निरुपम, कहा- कॉन्ग्रेस में 5...

नवरात्रि में नए ठिकाने के बारे में बताएँगे संजय निरुपम, कहा- कॉन्ग्रेस में 5 पावर सेंटर, एक बहनजी का भी: गौरव वल्लभ BJP में हुए शामिल

संजय निरुपम ने कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद जमकर अपना गुस्सा उतारा। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस पार्टी में 5 पावर सेंटर हैं, जिनकी अपनी लॉबी चलती है। ये 4 पावर सेंटर- सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल हैं।

लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही कॉन्ग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होना शुरू हुए हैं। एक साथ बड़े नेताओं ने आज बीजेपी की सदस्यता ली। इसमें एक गौरव वल्लभ और अनिल शर्मा हैं। इनके अलावा एक अन्य नेता हैं जिन्होंने कॉन्ग्रेस छोड़ी है उनका नाम संजय निरुपम है लेकिन उन्होंने अभी घोषणा नहीं की है कि वो किस पार्टी में जाएँगे। उन्होंने कहा कि वो खरमास खत्म होने के बाद नवरात्रि में तय करेंगे कि उन्हें किस ओर जाना है।

संजय निरुपम ने कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद जमकर अपना गुस्सा उतारा। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के निष्कासन से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी संरचनात्मक और वैचारिक तौर पर बिखरी हुई है। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस पार्टी में 5 पावर सेंटर हैं, जिनकी अपनी लॉबी चलती है। इनमें पहला नाम सोनिया गाँधी का है। दूसरा राहुल गाँधी का है। तीसरा बहन जी (प्रियंका गाँधी) का है। चौथा अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) का है जिनकी लॉबी में ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास अनुभव तक नहीं है और अध्यक्ष से जुड़कर वो हाईकमान बन गए हैं। पाँचवा नाम है वो केसी वेणुगोपाल है। वो भी अपने ढंग से राजनीति करते रहते हैं। वो हिंदी बोलते हैं किसी को समझ नहीं आता, अंग्रेजी बोलते हैं समझ नहीं आता और मलयाली बोलते हैं वो कोई समझ नहीं पाता।

उन्होंने कहा कि इन लोगों की लॉबियों के कारण योग्य लोगों का कष्ट बढ़ता जा रहा है। वह बोले कि ये सब वो पिछले 5 सालों से गंभीरता से महसूस कर रहे थे और बड़ी पैमाने में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा बनी हुई।

संजय निरुपम ने कहा सेक्युलरिज्म में धर्म का विरोध नहीं, सर्व धर्म सद्भाव होना चाहिए। मगर कॉन्ग्रेस ने नेहरूवियन सेक्युलरिज्म के विचार को अपनाया। वामपंथी रामलला का सीधा विरोध करेंगे। अब कॉन्ग्रेस उसी राह पर आगे चल पड़ी है, इसलिए रामलला विराजमान के कार्यक्रम का कॉन्ग्रेस ने सीधे तौर पर विरोध किया।

इसके अलावा संजय निरुपम ने ये भी बताया कि वो कॉन्ग्रेस से क्यों नाराज थे। उन्होंने बताया, “महाराष्ट्र में जिस तरह से कॉन्ग्रेस पार्टी ने उनके दबाव में आकर समर्पण करके शिवसेना (यूबीटी) के साथ उनकी शर्तों पर गठबंधन किया और जिस तरह से कॉन्ग्रेस ने सीटें छोड़ीं। यही कारण है कि मैं नाराज था। आने वाले दिनों में कॉन्ग्रेस पार्टी कमजोर हो जाएगी और धीरे-धीरे मुंबई में दब जाएगी…मैं किस पार्टी में शामिल होऊँगा, यह मैं आपको आने वाले दिनों में बताऊँगा भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी चरम पर है और लगातार बढ़ रही है।”

गौरतलब है कि आज अनिल शर्मा ने भी भाजपा हेडक्वार्टर में आकर पार्टी की सदस्यता ली। उनके साथ राजद के एक नेता उपेंद्र प्रसाद भी बीजेपी में शामिल हुए हैं।

इनके अलावा बीजेपी का हिस्सा होने के बाद जहाँ गौरव ने कहा ” मेरा दृष्टिकोण हमेशा से था कि श्रीराम मंदिर बने तो वो लोग भी वहाँ जाएँ, लेकिन कॉन्ग्रेस ने इसे मना किया, मैं ये बर्दाश्त नहीं कर सकता। गठबंधन के नेता सनातन पर सवाल उठाते हैं, कॉन्ग्रेस इन पर जवाब क्यों नहीं देती। मैंने भाजपा ज्वाइन कर ली है। उम्मीद है मेरी काबिलियत और जानकारी भारत को आगे बढ़ाए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ईसाई बताते हैं जिसे फ्रांसिस जेवियर का अवशेष, बौद्धों के लिए वे आचार्य राहुल थेरो: जानिए क्या है विवाद, क्यों हो रही गोवा के...

सुभाष वेलिंगकर द्वारा फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों के डीएनए परीक्षण कराने की माँग करने के बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं

मुस्लिम लड़की ने मुस्लिम लड़के से करवाई दोस्ती… फिर कॉलेज के सभी मुस्लिम लड़कों ने जबरन बनाए संबंध: रूस से लौटा ‘इंजीनियर’, एक हिंदू...

यति नरसिंहानंद मुखर होकर हिंदू हित और इस्लामी कट्टरपंथ पर बोलते हैं। एक लव जिहाद की घटना ने उन्हें दीपक त्यागी से यति नरसिंहानंद बनाया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -