Thursday, April 17, 2025
Homeराजनीतिमोदी की सुनामी में हम जिन्दा बच गए, यही बड़ी बात है: सलमान खुर्शीद

मोदी की सुनामी में हम जिन्दा बच गए, यही बड़ी बात है: सलमान खुर्शीद

चुनाव हारने के बाद पहली बार कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की और माना कि पीएम मोदी की लोकप्रियता का चुनाव में कोई मुकाबला नहीं कर सका।

कॉन्ग्रेस ने पहली बार ये माना है कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की लहर ही नहीं सुनामी चल रही थी। फर्रुखाबाद से लोकसभा चुनाव हारने के बाद पहली बार कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद शनिवार (जून 22, 109) को वहाँ पहुँचे। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की और माना कि पीएम मोदी की लोकप्रियता का चुनाव में कोई मुकाबला नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि मोदी की सुनामी सब कुछ बहा ले गई लेकिन हम जिंदा रहे ये अच्छी बात है।

सलमान खुर्शीद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज तो हम यही जानते हैं कि चुनाव हुआ और चुनाव में पीएम की लोकप्रियता इतनी थी कि उसके सामने कोई खड़ा नहीं हो पाया, लेकिन एक अच्छी बात है कि सुनामी आया, उसने सब कुछ बहा दिया, लेकिन कम से कम हम जिंदा रहे और आपसे बात तो कर सकते हैं।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि वो पीएम मोदी की लोकप्रियता को नकारते हैं, तो इसका मतलब है कि वो चुनावों को भी नकार रहे हैं।

हालाँकि, सलमान खुर्शीद ने मोदी लहर को तो माना पर साथ ही सबरीमाला और तीन तलाक मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा। उन्होंने सबरीमाला मुद्दे पर कहा कि केंद्र सरकार सबरीमाला के फैसले को पलटने के लिए तैयार है, जबकि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को रोका नहीं जाना चाहिए। महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत है। मोदी सरकार को अदालत का फैसला मानना चाहिए।

वहीं, उन्होंने संसद में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक बिल लाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट पहले ही समाप्त कर चुका है। दुनिया में तीन तलाक कहीं नहीं है। हिंदुस्तान में भी तीन तलाक कहीं नहीं है। देश में तीन तलाक को गलत समझा गया है, जो देश में है ही नहीं, उस पर तीन साल की सजा दी जा रही है। गौरतलब है कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को 2014 के मुकाबले केवल 8 सीटों का फायदा हुआ है। 2014 में जहाँ पार्टी को 44 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार पार्टी के खाते में 52 सीटें ही आई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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