अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले कर्नाटक के कॉन्ग्रेस विधायक जमीर अहमद का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह दलित स्वामी जी के साथ भोजन करते हुए नजर आ रहे हैं। घटना रविवार (22 मई 2022) को चामराजपेट में एक कार्यक्रम के दौरान हुई।
#WATCH Bengaluru, Karnataka: In an attempt to set an example seemingly against caste discrimination, Congress Chamarajapete MLA BZ Zameer A Khan feeds Dalit community’s Swami Narayana & then eats the same chewed food by making Narayana take it out from his mouth to feed him(22.5) pic.twitter.com/7XG0ZuyCRS
— ANI (@ANI) May 22, 2022
बता दें कि वायरल वीडियो में जिस शख्स को कॉन्ग्रेस विधायक जमीर अहमद खान खाना खिला रहे हैं, उनका नाम स्वामी नारायण हैं। वे दलित समुदाय से आते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले जमीर अहमद खान स्वामी जी को खाना खिलाते हैं और फिर नारायण को बोलते हैं वह उनको अपना जूठा खाना खिलाएँ। इसके बाद स्वामी नारायण अपने मुँह से खाना निकालते हैं और विधायक जमीर खान के मुँह में खाना डाल देते हैं। ये नजारा देख जहाँ सभा में बैठे लोग ताली पीटते हैं। वहीं सोशल मीडिया पर इसकी वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे घटिया ढंग बताकर घिन खा रहे हैं।
कॉन्ग्रेस विधायक ने दिया था विवादित बयान
जमीर अमहद वही विधायक हैं जिन्होंने इसी साल फरवरी में रेप को लेकर एक विवादित बयान दिया था। तब जमीर अहमद ने कहा था, “हिजाब का अर्थ इस्लाम में पर्दा होता है। जब लड़की/बच्ची बड़ी होती है तो उसे हिजाब में रखते हैं यानी उसकी जो खूबसूरती होती उसे न दिखाने के लिए, छिपाए रखने के लिए, उसे पहनाया जाता है। आज आप देखिए हिंदुस्तान में रेप तेजी हो रहे हैं। ये सब इसलिए है क्योंकि औरतें पर्दे में नहीं रहतीं। ये आज से नहीं है और अनिवार्य भी नहीं है। लेकिन जो अपनी खूबसूरती छिपाना चाहते हैं, उसकी हिफाजत चाहते हैं वो लोग हिजाब पहनते हैं। ये आज से नहीं है वर्षों से है।”
गौरतलब है कि कर्नाटक में 2023 में मई महीने में या उससे पहले विधानसभा चुने हैं। कॉन्ग्रेस की कोशिश सत्ता पर काबिज होने की है। इसके लिए उसने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कॉन्ग्रेस विधायक के वायरल वीडियो को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुए पाँच राज्यों के चुनाव में कॉन्ग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पंजाब में उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। जबकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में उसे हार का सामना करना पड़ा।