Sunday, September 1, 2024
Homeराजनीतिगले लगाया, आँख मारी, 'मोदी से प्यार करता हूँ' चिल्लाया... लेकिन वो मेरा नाम...

गले लगाया, आँख मारी, ‘मोदी से प्यार करता हूँ’ चिल्लाया… लेकिन वो मेरा नाम तक नहीं लेता

हैरान करने वाली बात है कि जो राहुल जनता के बीच जाकर मोदी को चुप कराने के लिए 15 मिनट का समय माँगता था वो अब सिर्फ़ इस बात पर अड़ गया है कि उसे मोदी से बहुत प्यार है।

बीते दिनों राफेल से लेकर हर राजनैतिक/सामाजिक मुद्दे पर प्रधानमंत्री को घेरने वाले राहुल गाँधी चुनाव के नज़दीक आते ही अपने सुर बदलने लगे हैं या कहें कि बचकानी बातें करने लगे हैं। इस बदलाव का एक कारण यह भी हो सकता है कि वो अब समझ चुके हैं कि उनका ज्यादा एंटी-मोदी होना उनकी राजनैतिक सफलता पर भी सवाल उठा सकता है। घटना कल (अप्रैल 5, 2019) की है जब पुणे में छात्रों के बीच पहुँचकर राहुल गाँधी ने पूरे जोश के साथ पीएम के प्रति अपने अगाध प्रेम को जाहिर करने की कोशिश की। लेकिन, इसके बाद वहाँ जो हुआ उससे राहुल एकदम भौंचक रह गए।

दरअसल, राहुल कह रहे थे कि वो पीएम मोदी से प्यार करते हैं और वास्तव में अपने दिल में पीएम के प्रति कोई नफरत की भावना नहीं रखते लेकिन मोदी राहुल के लिए दिल में गुस्सा रखते हैं। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “उनके प्रति मैं सच में गुस्सा नहीं रखता हूँ।” राहुल की इस टिप्पणी के तुरंत बाद उन्हें लगा होगा जैसे पूरे सभागार में उनके लिए तालियाँ बज उठेंगी, लेकिन वहाँ पर पूरा दृश्य ही उल्टा हो गया। राहुल की बात पर विराम लग ही रहा था कि वहाँ मौजूद छात्र मोदी, मोदी कहकर नारे लगाने लगे। इसपर ‘अति शालीन’ स्वभाव वाले राहुल गाँधी सिर्फ़ “ठीक है…ठीक है” ही जवाब दे पाए।

इस घटना के बाद एक बात तो निश्चित है कि जगह-जगह जाकर ‘कॉन्ग्रेस की जीत हो चुकी है’ कहने से पहले अब राहुल नतीजों का इंतजार करने पर ज्यादा गौर करेंगे। 2019 में मोदी की लोकप्रियता पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को भी इस घटना से अंदाजा हो गया होगा कि मोदी को सत्ता से निकालने का उनका सपना 2019 लोकसभा चुनावों में तो बिलकुल भी सच नहीं होगा। याद दिला दें कि रिपब्लिक भारत के साथ साक्षात्कार में मोदी ने खुद भी विपक्ष को सलाह दी है कि वो 2024 के चुनावों की तैयारी करें क्योंकि 2019 में तो वाकई मोदी का कोई विकल्प नहीं है।

खैर, पीएम मोदी के प्रति प्रेम दिखाने का काम राहुल गाँधी ने पहली बार नहीं किया है। आपको वो दृश्य तो याद ही होगा, जिसमें राहुल ने भरी संसद में प्रधानमंत्री को गले लगाया था। इस प्रेम की गंभीरता का अंदाजा तो तभी लग गया था जब उन्होंने अपनी जगह पर बैठकर आँख मारी थी। लेकिन उस घटना को आज भी राहुल प्रासंगिक बनाकर याद करते रहते हैं और कहते हैं कि वह उनसे नफरत नहीं कर सकते क्योंकि प्रेम देश के मिजाज और प्रत्येक मत और मजहब में है।

गाँधी जी की ‘अहिंसा’ नीति पर चलने वाले राहुल गाँधी मार्च में चेन्नई में एक कॉलेज के छात्रों से बातचीत के दौरान उल्लेख करते हैं कि उन्होंने संसद में एक बहुत गुस्सैल मोदी को देखा है जो उनकी पार्टी, उनके पिता और माताजी का जमकर आलोचना करता है। हैरान करने वाली बात है कि जो राहुल जनता के बीच जाकर मोदी को चुप कराने के लिए 15 मिनट का समय माँगता था वो अब सिर्फ़ इस बात पर अड़ गया है कि उसे मोदी से बहुत प्यार है।

चुनाव है तो राजनीति होनी तय है, लेकिन भाषणों में इतना फेरबदल करना भी ठीक नहीं है कि जनता न चाहते हुए नतीजों की ‘घोषणा’ कर दे बिलकुल वैसे, जैसे कल हुई। जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष खुद मौजूद हैं और वहाँ की जनता मोदी-मोदी का नाम ले रही है। खैर ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, इससे पहले राहुल गाँधी का बेंगलुरु में भी मोदी के नाम के साथ स्वागत हुआ है और उन्हीं की तरह कन्हैया कुमार भी जनता की राय प्रत्यक्ष देख चुके हैं। बेगुसराय की जनता ने कन्हैया का उम्दा स्वागत करने के बाद खूब जोर से हर-हर मोदी के नारे लगाए थे। साथ ही जनता ने यह भी कहा था कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो देश के लिए लड़ता है, देश के लिए जीता-मरता है, तो हम किसी और को क्यों वोट दें?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -