Sunday, September 1, 2024
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5 राज्यों में शर्मनाक हार के बाद G-23 खेमा गुपचुप तरीके से हुआ एक्टिव, की नए अध्यक्ष की माँग; फिर भी राहुल गाँधी की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे कॉन्ग्रेसी

पाँच राज्यों में कॉन्ग्रेस की शर्मनाक हार के बाद पार्टी का असंतुष्ट खेमा G-23 एक्टिव हो गया है। इस ग्रुप के नेताओं ने शुक्रवार (11 मार्च 2022) को गुलाम नबी आजाद के घर पर मीटिंग की।

देश की सबसे पुरानी पार्टी को आज ये भी दिन देखना पड़ेगा! शायद उसने ये कभी भी नहीं सोचा होगा। 10 मार्च 2022 को आए पाँच राज्यों के चुनावी नतीजों में कॉन्ग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई। पंजाब में आप की आँधी और यूपी में पीएम मोदी और सीएम योगी की जोड़ी का ऐसा जलवा दिखा कि विपक्षी पानी माँगते दिखे। इन राज्यों में कॉन्ग्रेस की शर्मनाक हार के बाद पार्टी का असंतुष्ट खेमा G-23 एक्टिव हो गया है। इस ग्रुप के नेताओं ने शुक्रवार (11 मार्च 2022) को गुलाम नबी आजाद के घर पर मीटिंग की।

बैठक में कॉन्ग्रेस की आपातकालीन बैठक बुलाकर पार्टी में नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की माँग की गई। इस दौरान कपिल सिब्बल से लेकर मनीष तिवारी तक शामिल रहे। इससे पहले ये असंतुष्ट नेता सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर पार्टी के स्थाई अध्यक्ष के चुनाव का सुझाव दे चुके हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कॉन्ग्रेस को अपनी दुर्गति का आभास पहले से ही हो गया था।

ऐसा इसलिए कि रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मार्च को रिजल्ट आने से पहले ही इसके नतीजों को लेकर कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के घर पर एक बैठक हुई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, प्रियंका गाँधी वाड्रा और संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल रहे। इसमें पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर यह तय किया गया कि सितंबर 2022 तक पार्टी के नए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। इतनी बड़ी हार के बाद भी कॉन्ग्रेसी राहुल गाँधी का गुणगान करने में लगे हुए हैं।

एआईसीसी के जनरल सेक्रेट्री और गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा का कहना है कि पूरे देश में केवल राहुल गाँधी ही भाजपा का मुकाबला कर रहे हैं। वो कहते हैं कि केवल राहुल और प्रियंका ही जनता के मुद्दों पर बात करते हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस की केवल 2 सीटें आई हैं औऱ उसका वोट शेयर केवल 2 प्रतिशत ही रहा। जबकि पंजाब में आप की आँधी के सामने कॉन्ग्रेस 11 सीटों पर सिमट गई। उसके मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक हार गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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