Sunday, November 17, 2024
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‘CAA जैसे विरोध प्रदर्शन भाजपा के खिलाफ आक्रोश, कॉन्ग्रेस को इसके बीच में नहीं पड़ना चाहिए’

"कॉन्ग्रेस नेताओं को इस बारे में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि वे क्या बोलते हैं और क्या करते हैं, क्योंकि भाजपा चीजों का ध्रुवीकरण करने और साम्प्रदायिकता फैलाने की हमेशा कोशिश करेगी।"

हाल ही में देखा गया है कि देश में चल रही नागरिकता कानून संबंधी तमाम चर्चा से दूर कॉन्ग्रेस पार्टी एक बार फिर अपने पारम्परिक नेतृत्व के मसले पर सक्रिय हो गई है। एक ओर जहाँ सलमान खुर्शीद और शशि थरूर ने कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर बयान दिए हैं वहीं अब कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश भी इस चर्चा में शामिल हो गए हैं। हालाँकि जयराम रमेश ने नागरिकता कानून को लेकर भी पार्टी को दिशा-निर्देश दिए।

देश के अलग-अलग हिस्सों में CAA-NRC-NPR के विरोध के बीच जयराम रमेश ने कहा है कि विपक्षी राजनीतिक दलों को इन विरोध प्रदर्शनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए और जन आंदोलनों को जबरन अपना बनाने की कोशिश कोशिश नहीं करनी चाहिए।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जयराम रमेश ने ये बातें अपनी किताब ‘अ चेकर्ड ब्रिलियंस : द मैनी लाइव्स ऑफ वी. के. कृष्ण मेनन’ के विमोचन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेताओं को इस बारे में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि वे क्या बोलते हैं और क्या करते हैं, क्योंकि भाजपा चीजों का ध्रुवीकरण करने और साम्प्रदायिकता फैलाने की हमेशा कोशिश करेगी।

वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- “हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं। किसी एक के हाथ में जादू नहीं होता, यह सामूहिक प्रयास है। यह सामूहिक काम, सामूहिक अनुशासन और हर व्यक्ति के अहंकार को मिलकर खत्म करने का आह्वान होगा।”

कॉन्ग्रेस पार्टी के भविष्य के प्रश्न पर उन्होंने जवाब दिया कि अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं से अलग इस समय सभी कार्यकर्ताओं की केवल एक महत्वाकांक्षा होनी चाहिए, वो ये कि कॉन्ग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा करना और उसके समर्थकों को रोक कर रखना तथा सत्ता में लौटना।

‘जन आंदोलनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए’

जयराम रमेश ने NRC-CAA-NPR के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। राजनीतिक दलों को सलाह दी कि उन्हें जन आंदोलनों से एक हाथ की दूरी बनानी चाहिए।

कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “हमें इन जन आंदोलनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए। हमें इनके राजनीतिकरण या इन्हें जबरन अपना मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ चीजें राजनीतिक दल नहीं कर सकते और नहीं करनी चाहिए। हमें इन प्रदर्शनों को खुद आगे बढ़ने देना चाहिए क्योंकि ये भाजपा सरकार के खिलाफ जन आक्रोश को दर्शाते हैं।”

2019 के आम चुनाव में मिली हार के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई कॉन्ग्रेस की फजीहत से पैदा हुए आंतरिक कलह के बीच कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एक बार फिर मैदान संभालते हुए देखे जा रहे हैं। इसी क्रम में जयराम रमेश ने कहा कि समय की माँग यही है कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए ‘नेताओं के अहंकार और महत्वाकांक्षाओं का एक साथ खत्म होना’ आवश्यक है।

‘अनुभव वाले नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए, न कि…’

कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मुहावरा देते हुए कहा कि पार्टी को सुरंग के आखिर में रोशनी देखने से पहले लंबा सफर तय करना है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी सदस्यों को सुझाव दिया कि सभी वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेताओं को एक उम्र के बाद युवा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए, न कि उनकी राह में काँटे पैदा करने चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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