कोरोना वायरस की महामारी के बीच कॉन्ग्रेस के वाहवाही लूटने और मीडिया मैनेजमेंट की कारस्तानियों ने अमेठी के एक ग्रीन जोन एरिया को रेड जोन में बदलने का काम किया है। ग्रीन जोन में शामिल अमेठी में मंगलवार (मई 05, 2020) को कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आया है। अमेठी के जिलाधिकारी अरुण कुमार ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि पाँच दिन पहले एक महिला अजमेर से जनपद लौटी थी, जिसे मुसाफिरखाना में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था।
इस सम्बन्ध में DM अमेठी ने आधिकारिक पत्र भी जारी किया था। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसे सुल्तानपुर के कुड़वार में बने आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया है। दरअसल, गत 01 मई की रात अपने 28 साथियों के साथ अजमेर से लौटी महिला कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई हैं।
हालाँकि, अमेठी जिला प्रशासन ने पहले से ही सबको अलग-अलग क्वारंटाइन कर रखा था। यही वो जगह है जहाँ कॉन्ग्रेस के मीडियाकर्मी कुछ दिन पहले तस्वीरें खिंचवाने के लिए भी पहुँचे थे। और इन्हीं तस्वीरों को लेकर ‘अमेठी लाइव’ ने एक ट्वीट करते हुए बताया था कि इन्हें प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में भोजन-पानी दिया जा रहा है।
इस ट्वीट में लिखा गया था – “#अमेठी: राजस्थान के भरतपुर व गुजरात की सीमा में फँसे 72 मजदूरों को अपने निजी संसाधन से कॉन्ग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अमेठी पहुँचाया, सभी को मेडिकल चेकअप के बाद उनके घर तक पहुँचाने का प्रबंध जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने किया।”
#अमेठी:राजस्थान के भरतपुर व गुजरात की सीमा में फंसे 72 मजदूरों को अपने निजी संसाधन से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमेठी पहुंचाया, सभी को मेडिकल चेकअप के बाद उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने किया @amethicongress @priyankagandhi pic.twitter.com/T3uyF6qDrV
— AMETHI LIVE (@AmethiliveCom) May 3, 2020
लेकिन महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद कॉन्ग्रेस की यह हरकत अब महँगी पड़ती नजर आ रही है। कॉन्ग्रेस इस ट्वीट में जिन लोगों के बारे में यह दावा करती नजर आ रही हैं कि उनको कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने अमेठी पहुँचाया, उस सम्बन्ध में अमेठी जिलाधिकारी ने मई 02, 2020 को ही बता दिया था कि उनके पास अवैध तरीकों से जारी किए गए हैं।
DM अमेठी के इस पत्राचार में स्पष्ट लिखा गया कि अन्य राज्यों (अजमेर, राजस्थान) से 28 लोगों को बिना किसी पूर्व जानकारी के लाया गया और इस सम्बन्ध में उनके गंतव्य स्थल के राज्यों और जिला प्रशासन को भी कोई सूचना नहीं दी गई थी।
डीएम अमेठी के आदेश की प्रति –
इस बस में ड्राइवर और क्लीनर समेत कुल 30 सवारियाँ मौजूद थीं जिनमें से 11 महिलाएँ थीं। डीएम की ओर से जारी नोटिस में स्पष्ट लिखा गया है कि बस में मौजूद क्लीनर की कोरोना जाँच के बारे में कोई भी सूचना नहीं उपलब्ध करवाई गई थी। इन लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सेम्पल लेकर इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था।
डीएम अमेठी ने इस बात का भी जिक्र किया है कि डीएम अजमेर ने अंतरराज्यीय वाहन पास गृह मंत्रालय के आदेश और दिशानिर्देशों का उलंघन कर जारी किया था। सभी 28 लोगों के सैंपल लेकर जाँच के लिए भेजा गया था। आज सुबह 8 बजे इसकी रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें 7 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई, जबकि कमरौली निवासी 45 वर्षीय महिला शाहबानो की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है।
डीएम अरुण कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि एहतियात के तौर पर 1 तारीख को ही सभी लोगों को मुसाफिरखाना के एएच इंटर कॉलेज में अलग-अलग क्वारंटीन किया गया था। जहाँ से एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है। संक्रमित महिला के उपचार के लिए आवश्यक प्रबन्ध कराए जा रहे हैं।
कॉन्ग्रेस का कारनामा
दरअसल, कोरोना वायरस की महामारी का राजनीतिक लाभ लेने के लिए कॉन्ग्रेस हर प्रकार की मेहनत कर रही है लेकिन उसका नतीजा देश पर भारी पड़ रहा है। कुछ दिन पहले ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने श्रमिकों को अपने खर्चे पर उनके घर भेजने की बात भी मीडिया के सामने रखी, जबकि वास्तविकता यह है कि कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान ने श्रमिकों से उनके घर जाने का किराया वसूल करने के बाद यह दावा किया कि राज्य सरकार अपनी जेब से उनका खर्च वहन कर रही है।
आज ही कॉन्ग्रेस द्वारा अजमेर से बुलाई गई महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित निकलते ही एक ग्रीन जोन घोषित इलाके को रेड जोन में तब्दील करने और क्वारंटाइन सेंटर में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रियंका गाँधी की छवि चमकाने के लिए किया गया कार्य कॉन्ग्रेस और राजस्थान सरकार की बेवजह दखलअन्दाजी का ही नतीजा है।