Thursday, May 2, 2024
Homeराजनीतिराजस्थान सरकार ने स्वीकारा, कॉन्ग्रेस के नहीं बल्कि अपने खर्चे पर रेल यात्रा कर...

राजस्थान सरकार ने स्वीकारा, कॉन्ग्रेस के नहीं बल्कि अपने खर्चे पर रेल यात्रा कर रहे हैं मजदूर

लॉकडाउन में लोगों को घर भेजने जैसी बड़ी बड़ी बातें तो कॉन्ग्रेस ने जोश में आकर खूब की हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि खुद कॉन्ग्रेस शासित राज्य ही अभी तक अपनी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के फैसले पर सहमत और एकजुट नजर नहीं आ रहे हैं।

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के लिए आवश्यक किराया वहन करने की बात की सच्चाई से खुद कॉन्ग्रेस शासित राज्य राजस्थान ने पर्दा उठाने का काम किया है। राजस्थान सरकार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने जयपुर-पटना श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सफर कर रहे मजदूर-श्रमिकों से रेल का किराया लिया है।

राजस्थान सरकार ने खुद स्वीकारी बात

कॉन्ग्रेस ने एक दिन पहले ही यह दावा किया है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में फँसे बिहार के श्रमिकों को अपने खर्चे पर उनकी गृह राज्य में वापसी करवाई है। राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि जयपुर से स्पेशल ट्रेन में भेजे गए 1200 मजदूर-श्रमिकों के किराए का भुगतान राज्य सरकार ने उत्तर पश्चिम रेलवे को कर दिया है।

वहीं, इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने भी सोमवार (मई 04, 2020) को इस बात की घोषणा भी कर दी थी कि लॉकडाउन में फँसे सभी श्रमिकों से घर वापसी राज्य सरकार अपने खर्च पर करवाएगी।

कॉन्ग्रेस पार्टी ने ऐसा करके एक ओर जहाँ अपने खर्चे पर श्रमिकों को घर भेजने का झूठा दावा किया वहीं, राजस्थान सरकार ने भी अपने राजस्व के जरिए अपनी पार्टी के अरमानों को पूरा करने की बात मीडिया के सामने रखी।

लेकिन यदि राजस्थान सरकार और कॉन्ग्रेस, दोनों में से ही किसी एक ने भी इन श्रमिकों का खर्चा वहन नहीं किया है तो ऐसे में इन दोनों की ही मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है।

वास्तव में, लॉकडाउन में लोगों को घर भेजने जैसी बड़ी बड़ी बातें तो कॉन्ग्रेस ने जोश में आकर खूब की हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि खुद कॉन्ग्रेस शासित राज्य ही अभी तक अपनी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के फैसले पर सहमत और एकजुट नजर नहीं आ रहे हैं।

सोनिया गाँधी की बात पर एकमत नहीं है कॉन्ग्रेस

मीडिया की अटेंशन में जुटी कॉन्ग्रेस में मजदूरों के किराए के सवाल पर अभी तक भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि उन्होंने सरकार के निर्देशों को समझा ही नहीं है। एक तरफ सोनिया गाँधी कहती हैं कि मजदूरों का किराया कॉन्ग्रेस देगी। भूपेश बघेल पूछते हैं राज्य क्यों दे किराया? अशोक गहलोत कहते हैं राज्य ही देगा। जबकि अंत में श्रमिक खुद अपना किराया देकर रेल से यात्रा करते हैं।

तीन बड़े नेताओं के तीन अलग-अलग किस्म के बयान ये बताते हैं कि पार्टी श्रमिक एक्सप्रेस मामले पर राजनीति करना चाह रही है और जबरदस्ती का मुद्दा बना कर भाजपा को मजदूर-विरोधी दिखाना चाहती है।

झूठ फैलाने का काम तो पत्रकारों द्वारा शुरू ही करवा दिया गया था। रोहिणी सिंह, अजीत अंजुम और रवीश कुमार ने पहले ही माहौल बना दिया था। सोनिया गाँधी का बयान आते ही सागरिका घोष जैसों ने कॉन्ग्रेस की पीठ थपथपा कर इसे आगे बढ़ाया। ‘द हिन्दू’ की ख़बर के माध्यम से भ्रम का माहौल पैदा किया गया। जबकि बाद में सामने आया कि कॉन्ग्रेस शासित राज्य महाराष्ट्र और राजस्थान ही किराया देने में आनाकानी कर रहे हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु…. हर जगह OBC का हक मार रहे मुस्लिम, यूँ ही PM मोदी को नहीं कहना पड़ा- मेरे जीते जी...

पीएम मोदी ने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं, तब तक देश में धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देंगे। हालाँकि, कुछ राज्यों में मुस्लिम आरक्षण है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन: हनुमानगढ़ी में आशीर्वाद लेने के बाद सरयू घाट पर सांध्य आरती में भी हुईं...

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अयोध्या पहुँची। राष्ट्रपति ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए। वहाँ पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रामलला के दर्शन करने पहुंचीं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -