कथित इतिहासकार रामचंद्र गुहा आजकल ‘पाँचवीं पीढ़ी के राजवंशी’ राहुल गाँधी को लेकर बेहद कठोर बयान देते नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने केरल लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कहा था कि राहुल गाँधी का बेहद परिश्रमी नरेंद्र मोदी के रहते राजनीति में कोई भविष्य नहीं है। यही नहीं, गुहा ने कहा कि केरल ने राहुल गाँधी को संसद भेजकर विनाशकारी काम किया है।
इसके बाद इतिहासकार और दरबारी लेखक रामचंद्र गुहा प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द वायर’ की जर्नलिस्ट आरफ़ा खानम शेरवानी को दिए इंटरव्यू में भी इसी अंदाज में देखे गए और राजस्थान की राजनीति में चल रहे तूफ़ान से लेकर पीएम मोदी के काम करने की शैली को लेकर भी राहुल गाँधी पर ही बरसते नजर आए। साथ ही, गुहा ने वामपंथियों पर भारत के खिलाफ षड्यंत्र करने का भी आरोप लगाया।
आरफ़ा खानम को दिए करीब 35 मिनट के इंटरव्यू में गुहा कहते हैं, “लोगों ने 2019 में नरेंद्र मोदी को इसलिए वोट दिया क्योंकि वो डरते थे कि राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। उनको लगता है कि राहुल गाँधी अयोग्य हैं, उनके बस की नहीं कि वो देश चलाए। उनकी सरकार रही, लेकिन 10 साल वो मंत्री नहीं बने। राहुल गाँधी बस ट्विटर पर एक्टिव हैं।”
#WATCH | By and large, the country deems Rahul Gandhi an “incompetent” leader. He has no administrative experience despite the UPA being in power.
— The Wire (@thewire_in) July 24, 2020
“He is mostly just active on Twitter,” @Ram_Guha says to @khanumarfa.https://t.co/gjd501vSnA pic.twitter.com/sOifTncE5y
राजस्थान की राजनीति पर इंटरव्यू में आरफ़ा खानम ने गुहा से पूछा कि अगर किसी के पास रुपए हैं तो आप उन्हें कैसे रोकेंगे? आरफ़ा ने कहा कि ऐसे में तो सिर्फ नैतिकता का ही सवाल रह जाता है। इस पर इतिहासकार गुहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में कुछ करना चाहिए।
रामचंद्र गुहा इस इंटरव्यू में कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रही है। आरफ़ा खानम द्वारा लोकतान्त्रिक संस्थाओं के इस्तेमाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे इन संस्थाओं जैसे अफसरशाही, न्यायपालिका, इलेक्शन कमिशन हो, इस सबके साथ हस्तक्षेप कॉन्ग्रेस ने ही शुरू किया था।
गुहा ने कहा, “जब UPA की सरकार थी तब इलेक्शन कमिश्नर मनमोहन और सोनिया चुनते थे, क्योंकि वो चाहते थे कि ऐसे में फैसले उनके ही पक्ष में होंगे। नरेंद्र मोदी इंदिरा गाँधी से भी आगे चले गए हैं। जो इंदिरा ने शुरू किया नरेंद्र मोदी उसे आगे लेकर गए हैं।”
इसके साथ ही, गुहा ने भारतीय सेना और CDS बिपिन रावत पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया और कहा कि वो भाजपा के समर्थक हैं, आर्मी प्रमुख को ऐसा नहीं करना चाहिए। (इस इंटरव्यू में 09.45 पर यह हिस्सा देख सकते हैं।)
गुहा ने कहा कि मुझे याद है कि इंदिरा गाँधी की पूजा किस तरह से की जाती थी और लोग ‘इंदिरा इज इण्डिया एंड इण्डिया इज इंदिरा’ जैसे बयान तक दिया करते थे। गुहा ने कहा कि लोग इंदिरा से डरते थे लेकिन लोग जितना मोदी की तारीफ करते हैं, उतनी इंदिरा की नहीं की गई थी।
आरफ़ा खानम ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी ‘कम्युनल इंदिरा गाँधी हैं?’ इस पर गुहा न कहा कि उनसे भी ज्यादा हैं, क्योंकि इंदिरा ने आपातकाल की अपनी भूल को स्वीकार किया था।
गुहा ने कहा कि अगर किसी को मोदी के खिलाफ आना है तो उसे हिंदी आनी चाहिए। अगर आप देश की सबसे जरूरी भाषा नहीं बोल सकते हैं तो… इस पर आरफ़ा खानम ने उन्हें टोकते हुए कहा कि अकेले राहुल गाँधी ही हैं जिनकी आलोचना भी होती है।
रामचंद्र गुहा ने उदाहरण देते हुए कहा कि अब लोग यह नहीं जानना चाहते कि आपके दादा या परदादा ने क्या किया था, वो ये जानना चाहते हैं कि आपने खुद क्या किया और आपने अपने आप क्या किया?
इस पर आरफ़ा ने कहा कि ‘नामदार’ तो भाजपा में भी बहुत ज्यादा हैं। गुहा ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी का कोई गॉडफादर नहीं था, जबकि राहुल गाँधी का दिल बहुत अच्छा है क्योंकि वो नहीं चाहते कि एक और गाँधी देश में आए।
गुहा ने कहा, “ऐसा ही प्रियंका गाँधी ने कहा कि वो इंदिरा गाँधी की पोती हैं, इसका इक्कीसवीं सदी में क्या मतलब है? लोग तो आपको तुरंत नामदार कह देंगे।”
द वायर की पत्रकार आरफ़ा ने प्रियंका गाँधी वाली बात फिरसे काटते हुए कहा कि अकेले राहुल गाँधी ही हैं जो आरएसएस के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। इसके जवाब में गुहा ने कहा कि आरएसएस से बराबरी करनी है तो आपको ट्विटर नहीं, बल्कि सड़क पर लोगों के बीच जाना होगा।
हाल ही में केरल साहित्य महोत्सव में गुहा ने राहुल गाँधी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनकी हालत मुगल वंश के आखिरी वारिस जैसी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गुहा ने कहा, “भारत अधिक लोकतांत्रिक और कम सामंती होता जा रहा है, और गाँधीवाद को इसका एहसास नहीं है। आप (सोनिया गाँधी) दिल्ली में हैं, आपका राज्य दिन प्रति दिन सीमित होता जा रहा है, लेकिन फिर भी आपके चाटुकार आपको बता रहे हैं कि आप अभी भी बादशाह हैं।”