कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में एक ओर जहाँ गरीबों को बिस्तर और दवाई नसीब नहीं हो पा रही थी, वहीं दूसरी ओर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के कोरोना वायरस के इलाज के दौरान 2,54,898 रुपए का खर्च आया है। एक आरटीआई के जवाब में इस बात की जानकारी मिली है। आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडेय ने एक आरटीआई दायर कर इस मामले में जानकारी माँगी थी।
On 10/01/21 RTI was filed by me seeking details of expenses incurred by Delhi Govt on treatment of Delhi health minister Satyendra kumar jain.
— Vivek pandey (@Vivekpandey21) February 20, 2021
* Govt Spent/: 2,54,898 Rs on Covid 19 treatment.#COVID19 #delhi #RTI pic.twitter.com/TQpJBQgirK
विवेक पांडेय 10 जनवरी 2021 को आरटीआई डाल कर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन के इलाज पर दिल्ली सरकार द्वारा किए गए खर्चों का विवरण माँगा था। जिसका जवाब देते हुए कहा गया है कि राजीव गाँधी सुपर स्पेशेलिटी अस्पताल में हुए इलाज का बिल ऑफिस में उपलब्ध नहीं है। वहीं, साकेत के मैक्स सुपर स्पेशेलिटी अस्पताल में उनके इलाज के दौरान 2,54,898 रुपए दिल्ली सरकार की तरफ से भरे गए थे। केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन का इलाज इस अपस्ताल में 19 जून 2020 से 26 जून 2020 तक चला था।
उस समय मैक्स अस्पताल दैनिक रूप से रूटीन जनरल वार्ड के 25,090 रुपए, रूटीन ट्विन-शेयरिंग के लिए 27,190 रुपए, रुटीन वार्ड प्लस प्राइवेट रूम के लिए 30,490 रुपए, बिना वेंटीलेटर के आईसीयू के लिए 53,050 रुपए और वेंटीलेटर के साथ आईसीयू के लिए 72,550 रुपए चार्ज कर रहा था।
गौरतलब है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन में कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद उन्हें राजीव गाँधी सुपर स्पेशेलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार (जून 15, 2020) को उन्हें साँस लेने में दिक्कत शुरू हुई थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहाँ उन्हें कुछ समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार से ये बिल वसूल किया था।
सत्येंद्र जैन के अस्पतला में भर्ती होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछना शुरू कर दिया कि आखिर वो घर पर क्यों नहीं है? दरअसल लोगों ने उनसे यह सवाल इसलिए किया था क्योंकि इससे पहले सत्येंद्र जैन ने कोविड-19 के मरीजों को लेकर इस बात को स्पष्ट किया था कि अगर कोरोना किसी को हो भी जाता है, तो वह अस्पताल की ओर न भागें, क्योंकि उसका इलाज घर में रखकर किया जाएगा, उसे प्रॉपर गाइड किया जाएगा, डॉक्टर उसे घर पर आकर देखेंगे। हालत बहुत बिगड़ने पर ही अस्पताल में एडमिट किया जाएगा।
बता दें कि सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी लेने के बजाय बाहरी लोगों पर इसका दोष मढ़ना शुरू कर दिया था। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उनका कहना था कि सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि का कारण दिल्ली के बाहर के लोग हैं। जो कोरोना वायरस का टेस्ट दिल्ली में करा रहे हैं।