Wednesday, November 20, 2024
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‘₹60 लाख रिश्वत लिया AAP MLA प्रकाश जारवाल ने’ – टैंकर मालिकों का आरोप, डॉक्टर आत्महत्या में पहले से है आरोपित

4 वाटर टैंक मालिकों ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने अपनी फाइल को मंजूरी दिलवाने के लिए 20,000 रुपए का भुगतान किया और आपूर्ति के प्रत्येक दौर के लिए 500 रुपए दिए। 60 टैंकरों के संचालन से प्रति महीने...

हाल ही में एक डाक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल एक के बाद एक बड़ी मुसीबतों से घिरते चले जा रहे हैं। अब दिल्ली के करीब 20 पानी टैंकर मालिकों ने विधायक पर 60 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।

जानकारी के मुताबिक जाँच में सामने आया है कि देवली से आप विधायक प्रकाश जारवाल ने पानी टैंकर मालिकों से एक महीने में 60 लाख रुपए की रिश्वत ली है। अपनी शिकायत लेकर सामने आए करीब 20 वाटर टैंकर मालिकों ने विधायक पर पैसे माँगने का आरोप लगाया।

इनमें से चार वाटर टैंक मालिकों ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने अपनी फाइल को मंजूरी दिलवाने के लिए 20,000 रुपए का भुगतान किया और आपूर्ति के प्रत्येक दौर के लिए 500 रुपए दिए।

ऐसे में 60 टैंकरों का संचालन होता है। इसके हिसाब से यह राशि 60 लाख रुपए प्रति माह होती है, जोकि नियमित रूप से विधायक के पास जाती थी। इतना ही नहीं टैंकर मालिकों ने आरोप लगाया कि पैसे न देने पर विधायक द्वारा सप्लाई को रोक दिया जाता था। साथ ही उन्हें दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय से पानी भरने की अनुमति दी जाती थी।

मृतक डॉक्टर राजेन्द्र के लड़के हेमंत ने बताया कि हमने अपने टैंकरों को जल बोर्ड में रखने के लिए पिछले पाँच साल में विधायक को 50 लाख रुपए का भुगतान किया था। इतना ही नहीं हेमंत ने बताया कि उनके पिता जी की मौत से दो दिन पहले ही विधायक को 60000 रुपए दिए गए थे। इसके बाद विधायक ने कहा था कि उनका कोई भी टैंक हटाया नहीं जाएगा।

वहीं डॉक्टर की पत्नी ब्रह्मवती ने बताया कि विधानसभा चुनावों के बाद उन्होंने अपने गहने बेचकर 1 लाख रुपए दिए थे, जिससे कि फिर से टैंकरों को लगाया जा सके। उनके पास ड्राइवर और क्लीनर को देने के लिए भी पैसे नहीं थे। हालाँकि इस मामले को लेकर अब दिल्ली पुलिस दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।

डॉक्टर का सुसाइड नोट

आपको बता दें कि पिछले महीने 18 अप्रैल को दिल्ली के नेब सराय इलाके में 52 वर्षीय डॉक्टर राजेन्द्र सिंह ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पास से एक 2 पेज का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए इलाके के विधायक प्रकाश जरवाल और उनके सहयोगी कपिल को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके अतिरिक्त पुलिस ने एक डायरी भी बरामद की थी, जिसमें लिखा था, “मेरा इस इलाके में एक क्लीनिक है और मेरे कुछ वाटर टैंकर दिल्ली जल बोर्ड में किराए पर चलते थे, लेकिन एमएलए प्रकाश जारवाल और उसके सहयोगी कपिल नागर मुझसे हर टैंकर के हिसाब से पैसे माँगने लगे। कुछ पैसे दिए भी गए लेकिन बाद में मेरे सभी टैंकरों को प्रकाश जरवाल ने दिल्ली जल बोर्ड से हटवा दिया।”

सुसाइड नोट में लिखा था, “टैंकरों को दिल्ली जल बोर्ड से हटवाने के बाद जब उन्हें ओखला के दिल्ली जल बोर्ड पर लगवाया गया तो टैंकरों को वहाँ से भी प्रकाश जरवाल द्वारा हटवा दिया गया।” नोट के अनुसार प्रकाश जरवाल और उसके सहयोगी से उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी और धमकियों के कारण उनका जीना मुश्किल हो गया था।

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आप विधायक प्रकाश जारवाल, कपिल नगर और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था। इस पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने 9 मई, 2020 को दिल्ली के देवली से विधायक प्रकाश जारवाल और कपिल नागर को गिरफ्तार कर लिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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