Thursday, March 28, 2024
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‘खास वोट बैंक को खुश करने के लिए केजरीवाल ने कश्मीर फाइल्स को नहीं किया टैक्स फ्री’: बोले BJP प्रदेश अध्यक्ष – हिन्दुओं का अपमान उनका उद्देश्य

"दिल्ली के मुख्यमंत्री को हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने और उनका अपमान करने के लिए कोई न कोई बहाना चाहिए। उनका यही उद्देश्य है। इसके पीछे कारण हैं - तुष्टिकरण की राजनीति, एक खास वोट बैंक को खुश करना। यही कारण था कि अरविंद केजरीवाल ने 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग का समर्थन किया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनकी पार्टी के नेताओं के हाथ सामने आए। दिल्ली में हनुमान मंदिर उनकी पार्टी ने तोड़ा। राम मंदिर का पहले वो विरोध करते हैं, फिर जब बन जाता है तो वहाँ ढोंग रचने जाते हैं।"

दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने ऑपइंडिया से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। राष्ट्रीय राजधानी में MCD (दिल्ली नगर निगम) के चुनाव होने हैं और संसद में बिल पास करा के तीनों नगर निगमों को एक कर दिया गया है। नए सिरे से MCD में वार्डों का परिसीमन भी किया जाना है। इधर कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP विधायकों के ठहाके भी मुद्दा बने।

प्रश्न: AAP कह रही है कि भाजपा ने चुनाव टालने के लिए MCD के एकीकरण का फैसला लिया है। इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: देखिए, दिल्ली की MCD नागरिक सेवाएँ देने वाली एक प्रमुख संस्था है और प्राथमिक स्तर पर शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े ये कई कार्य करती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के अलावा कूड़ा और साफ़-सफाई का काम इसके ही जिम्मे है। MCD को जिस तरह तीन हिस्सों में एक सुधार के रूप में कॉन्ग्रेस ने काट दिया था, 10 वर्षों बाद आज देखने को मिल रहा है कि ये लगातार कमजोर और बदहाल हुई है। इसका खामियाजा दिल्ली की जनता के अलावा नगर निगम के कर्मचारियों और कोरोना काल में फ्रंटलाइन पर काम करने वाले डॉक्टरों-नर्सों को भी भुगतना पड़ा है। उन्हें समय पर वेतन-पेंशन नहीं मिलते। जब से AAP की सरकार आई है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिदिन MCD को कमजोर करने का कार्य किया है।

प्रश्न: अरविंद केजरीवाल तो कह रहे हैं कि भाजपा चुनाव से भाग रही है। इसका आप क्या जवाब देना चाहेंगे?
जवाब: असली बात तो ये है कि ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’। जब कोई गलत कार्य करता है तो उसे यही डर सताने लगता है। अरविंद केजरीवाल रोज सुबह उठ कर MCD को गाली देते हैं और इसके फंड्स रोकते हैं। 7 वर्षों में उन्होंने हर दिन कभी सफाईकर्मियों का, कभी पार्कों का, कभी जेजे क्लस्टर का, कभी गाँवों का, कभी झुग्गी-झोपड़ियों में स्ट्रीट लाइट का और अनऑथोराइज्ड कॉलनियों के पैसे रोके। अब पूरी दिल्ली का एक मेयर होगा जो यहाँ के मुख्यमंत्री के बराबर होगा, तो सीएम को डर सता रहा है कि उन्होंने जो पाप किए हैं, MCD को दबाने का कार्य किया है, तो MCD मजबूत होकर बराबर में खड़ी होगी। इसीलिए, वो अनाप-शनाप बक रहे हैं।

प्रश्न: आप कई वर्षों से MCD में हैं। ऐसे में भाजपा अपनी ऐसी कौन सी उपलब्धियाँ लेकर जनता के बीच जाएगी और कहेगी कि हमें फिर से वोट दीजिए?
जवाब: MCD प्रतिदिन 11,000 मीट्रिक टन कूड़ा उठाता है। आज MCD की सबसे बड़ी सफलता है कि हर घर के बाहर दस्तक देकर कूड़ा ले जाती है। सूखा कूड़ा और गीला कूड़ा अलग उठाया जाता है। इतनी बड़ी संख्या में कूड़ेदानों को हटा कर वहाँ पर सीनियर सिटिज़न्स सेंटर, रिक्रिएशन सेंटर और कॉम्पैक्टर लगाए गए हैं। दिल्ली के अंदर तीनों निगमों में 15,000 पार्क्स हैं, जिन्हें MCD मेंटेन करता है। 1400 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज लगाए जाते हैं। रानी झाँसी फ्लाईओवर दिल्ली के उत्तरी हिस्से को दक्षिणी से जोड़ता है। पहले जिस सफर में एक घंटा लगता था, वो अब 5-7 मिनटों में पूरा हो जाता है। भारत दर्शन पार्क और ‘वेस्ट ऑफ सेवन वंडर्स’ बनाए गए हैं। सीमित संसाधनों में दिल्ली नगर निगम ने काफी बेहतर कार्य किया है।

प्रश्न: पिछली बार हुए MCD के चुनाव में AAP 49 सीटें लेकर आई थी और उसे 26% वोट मिल गए थे, ऐसे में क्या आप अरविंद केजरीवाल की पार्टी को अगले चुनावों में चुनौती मानते हैं?
जवाब: जब चुनाव होता है तो चुनौतियाँ तो आती हैं, लेकिन हम जनता, सेवा और कार्य में विश्वास करते हैं। पिछले दो वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस तरह मुफ्त में राशन और कोरोना टीकाकरण की सुविधा दी ‘उज्ज्वला योजना’ के माध्यम से महिलाओं को गैस चूल्हे और सिलिंडर मिले, ‘स्वनिधि योजना’ से रेहड़ी-पटरी वालों को रुपए मिले, ई-श्रम कार्ड बने। आज दिल्ली में रेहड़ी-पटरी-खोमचा लगाने वालों और मजदूरों को इसका फायदा मिल रहा है। दिल्ली की 2 करोड़ की आबादी में जो 89 लाख महिलाएँ हैं, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग हैं और जो बुजुर्ग हैं, वो भी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। जबकि अरविंद केजरीवाल की सरकार की उपलब्धियाँ ये हैं कि उन्होंने बुजुर्गों को पेंशन नहीं दी, विधवाओं की पेंशन रोक दी, गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा दिए गए राशन को बाँटने में भी भेदभाव किया। कोरोना काल में किराएदारों का किराया माफ़ करने की बात की थी, लेकिन ये भी नहीं किया।

प्रश्न: मीडिया में अक्सर ये चलता है कि दिल्ली में भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है। जैसे उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान हैं, दिल्ली में भाजपा कभी डॉक्टर हर्षवर्धन कभी किरण बेदी चेहरा बनती हैं। आप किसके नेतृत्व में चुनाव में जाएँगे?
जवाब: हम लिजेसी/विरासत वाली पार्टी नहीं हैं, जो किसी परिवार के दम पर चुनाव लड़ते हों कि उनके बेटे आएँगे, फिर आगे उनके बेटे आएँगे। हमारा सामान्य कार्यकर्ता ही हमारी ताकत है। आज सभी गर्व महसूस करते हैं कि बूथ और मंडल का अध्यक्ष रहा आदेश कुमार गुप्ता भी प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है। आज हर युवा और व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित है। हमारे लिए बड़ा नाम नहीं, हम आम लोगों और कमजोर वर्ग के विश्वास को जगा कर संगठन का कार्य करते हैं।

प्रश्न: प्रदेश भाजपा में गुटबाजी की बात कही जाती है। मनोज तिवारी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। विजय गोयल एक बड़ा चेहरा हैं। आपको क्या ऐसा कुछ लगता है? आप बतौर प्रदेश अध्यक्ष सबको साथ लेकर कैसे चल रहे हैं?
जवाब: भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो सामान्य कार्यकर्ताओं की है और यहाँ भिन्न-भिन्न स्तर से लोग आकर एक परिवार की तरह कार्य करते हैं। यहाँ निर्णय सामूहिक तौर पर लिए जाते हैं। गुटबाजी का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हम किसी भी तरफ चलते हैं तो विपक्षी दल इसीलिए घबराते हैं, क्योंकि हम एकजुट पार्टी हैं, हमारे यहाँ नेता-कार्यकर्ता एक परिवार की तरह रहते हैं, साथ भोजन करते हैं। यहाँ कोई गुटबाजी नहीं है।

प्रश्न: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि अगर MCD में भाजपा जीत जाती है तो वो राजनीति छोड़ देंगे। क्या आपको लगता है वो अपने बयान पर कायम रहेंगे?
जवाब: वो इससे पहले के अपने बयान देख लें। उन्होंने उत्तराखंड के चुनाव में भी यही कहा था। गोवा में भी भाजपा के जीतने पर राजनीति छोड़ने की बात कही थी। ऐसा किया क्या? उन्होंने अपने बच्चों की कसम तक खा ली थी। अन्ना हजारे के आंदोलन के समय अपने परिवार की कसम खाई थी कि वो राजनीति में नहीं आएँगे। ऐसे व्यक्ति का भला क्या भरोसा।

प्रश्न: संसद में MCD का बिल आया है। नए सिरे से परिसीमन होगा। आपको क्या लगता है, इसमें कितना समय लग सकता है? चुनाव तो परिसीमन होने के बाद ही होगा।
जवाब: हम तो चाहते हैं कि अभी चुनाव हो जाएँ। हमारी पार्टी एकदम तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हमारे कार्यकर्ता 18 घंटे प्रतिदिन कार्य करते हैं। बाक़ी जो कार्य हैं, वो परिसीमन आयोग और चुनाव आयोग करेगा। ये संस्थाएँ इसका उत्तर देंगी। एक राजनीतिक दल के रूप में आज चुनाव की घोषणा हो जाए, तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे।

प्रश्न: AAP 13,000 बूथों पर ‘बूथ विजय अभियान’ चला रही है। उन्होंने ‘MCD बदलाव कमिटी’ भी बनाई है। कॉन्ग्रेस भी डिजिटल रूप से सदस्यता अभियान चला रही है। इन सबकी काट के लिए आपने संगठन स्तर पर क्या तैयारियाँ की हैं?
हमारे बूथ स्तर पर पुख्ते तरीके से तैयारी चल रही है। युवाओं, महिलाओं और नए वोटरों से संवाद चल रहा है। विभिन्न प्रान्त और भाषा वाले जो लोग दिल्ली में आते हैं, सामाजिक रूप से OBC और SC-ST समाज के लोग हैं, उनके साथ भी बैठकें कर रही हैं। बूथ स्तर पर हमारी 21 सदस्यीय कमिटी बहुत मजबूत है।

प्रश्न: भाजपा ने कोरोना आपदा के दौरान दिल्ली में संगठन स्तर पर क्या-क्या राहत कार्य किए? आपको लगता है आगामी चुनावों में पार्टी को इसका फायदा मिलेगा?
जवाब: पहली बात तो ये है कि हम सेवा या राहत कार्य चुनावी फायदे के लिए नहीं करते हैं। कोरोना आपदा में हमने दिल्ली की जनता और गरीबों के लिए कार्य किया। बिहार, झारखंड, ओडिशा या पश्चिम बंगाल के जो गरीब-मजदूर यहाँ रहते थे, उनके घर तक राशन, भोजन, सैनिटाइजर-मास्क और दवाएँ देने का कार्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस वक्त किया, जब दूसरी पार्टियों के लोग अपने घरों में आइसोलेट थे, खुद को घरों में नजरबन्द कर लिया था। तब अपनी जान जोखिम पर डाल कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने 50 लाख घरों में राशन पहुँचाया। सामूहिक कम्युनिटी किचन चलाया गया। ये सब सिर्फ चुनाव के लिए नहीं, बल्कि ‘सेवा ही संगठन’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मंत्र के तहत किया गया।

प्रश्न: कुछ दिनों पहले एक ट्वीट काफी वायरल हुआ है। भाजयुमो के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट किया कि जब 10 लाख हरामी मरते होंगे तो एक अरविंद केजरीवाल पैदा होता होगा। आप पर इसे दोहराने का आरोप लगा। दिल्ली विधानसभा में आपके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। AAP के एक विधायक ने इसे ‘सिर कलम करने वाला बयान’ बता दिया। क्या आप इस पर कायम हैं?
जवाब: अगर आपने सही में इस बयान को सुना होगा, तो इसे आप सुन कर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हमने ये कहा कि हमारी पार्टी के एक नेता ने, मित्र ने ऐसा ट्वीट किया था कि जब 10 लाख हरामी मरे होंगे, तब एक अरविंद केजरीवाल पैदा हुआ होगा। मैंने कहा कि ये हमारे, भाजपा के संस्कार नहीं हैं। कसी व्यक्ति, या किसी चुने हुए प्रतिनिधि या सामान्य व्यक्ति गलत कार्य करता है तो उसे हम कुत्ता-कमीना-हरामी न कहें। गलत कार्य करने वाला खुद भुगतेगा, जनता उसे जवाब देगी। इतिहास गवाह है कि जिस-जिस ने इस देश में हिन्दुओं का अपमान किया, उसका हश्र लालू-मुलायम और कॉन्ग्रेस जैसा हुआ है।

प्रश्न: फिल्म ‘The Kashmir Files’ सुपरहिट हुई है। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत AAP के विधायकों ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर ठहाके लगाए। अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं किया और उनकी सरकार ने नौकरी दी। इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: मैं अरविंद केजरीवाल को बता देना चाहता हूँ कि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की सरकार में 6000 से अधिक कश्मीरी पंडितों को नौकरियाँ दी गईं। उनका पुनर्वास किया गया। अनुच्छेद-370 और धारा-35A खत्म करने का कार्य पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। अरविंद केजरीवाल अपने गिरेबान में झाँके। उन्होंने क्या किया? कश्मीरी पंडितों को नौकरी तक नहीं दी। नौकरी दी भी तो अदालत का डंडा पड़ने, अदालत का चाबुक पड़ने के बाद।

प्रश्न: अरविंद केजरीवाल ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को टैक्स फ्री करने से इनकार कर दिया। कई भाजपा शासित राज्यों ने इसे टैक्स फ्री किया है, ऐसे में आपकी इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब: इस फिल्म को टैक्स फ्री न कर के उन्होंने अपनी मानसिकता को उजागर किया है। जब एक मुख्यमंत्री ‘नील बटे सन्नाटा’ और ‘साँड़ की आँख’ जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री कर सकता है, हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन में उड़ा सकता है, ऐसे में जब कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के सच को सामने लाया गया है तो क्या दिल्ली के युवाओं और छात्रों को इसे देखने का अधिकार नहीं है? जो अब तक नहीं बताया गया, वो सामने आ रहा है तो उसे जानने का अधिकार नहीं है? दिल्ली के मुख्यमंत्री को हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने और उनका अपमान करने के लिए कोई न कोई बहाना चाहिए। उनका यही उद्देश्य है। इसके पीछे कारण हैं – तुष्टिकरण की राजनीति, एक खास वोट बैंक को खुश करना। यही कारण था कि अरविंद केजरीवाल ने ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग का समर्थन किया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनकी पार्टी के नेताओं के हाथ सामने आए। दिल्ली में हनुमान मंदिर उनकी पार्टी ने तोड़ा। राम मंदिर का पहले वो विरोध करते हैं, फिर जब बन जाता है तो वहाँ ढोंग रचने जाते हैं। हिन्दुओं का विरोध असली कारण है। उन्हें डर है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को टैक्स फ्री करने से एक खास वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा। वरना हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन पर उड़ाने वाली सरकार इसे टैक्स फ्री क्यों नहीं करेगी?

प्रश्न: अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि उनकी कट्टर ईमानदारी, कट्टर देशभक्ति और कट्टर इंसानियत वाली पार्टी है। उन्होंने खुद को ‘स्वीट आतंकवादी’ भी कहा था। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब: वो कट्टर हैं। बहुत कट्टर हैं। वो इतने कट्टर देशद्रोही, दोगले और बेईमान हैं। इसकी कोई पराकाष्ठा नहीं है। इसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती। 32 साल पहले कश्मीर में जिन महिलाओं को आरी से काट दिया गया था, उनका बलात्कार हुआ था और हत्याएँ कर दी गई थीं। इन सब पर ठहाके लगाने के लिए उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था?

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

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