Thursday, May 2, 2024
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NDMC की बैठक में ‘ढोंगी राजा’ की कहानी, चलते बने अरविंद केजरीवाल: CM बंगले पर ₹45 करोड़ खर्च का नहीं दे पाए जवाब, पिछली बार स्कूलों पर सवाल से थे भागे

पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे आम लोग हैं। इसलिए वे सरकार से ना ही गाड़ी लेंगे और ना ही बंगला लेंगे। हालाँकि, बाद में उन्होंने सारी सुविधाएँ लीं और उन सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए 45 करोड़ रुपए का हिसाब पैसा खर्च किया। इसी को लेकर भाजपा नेताओं ने उन्हें ढोंगी राजा की उपाधि से नवाजते हुए कहानी सुना डाली।

NDMC काउंसिल की बैठक में बुधवार (11 मई 2023) को जमकर हंगामा हुआ और यह बैठक 30 मिनट में ही खत्म करनी पड़ी। NDMC के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि कुलजीत चहल और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शीशमहल के मुद्दे पर सवाल पूछे, लेकिन वे जवाब नहीं दे पाए।

अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली की एनडीएमसी की बैठक के दौरान भाजपा सदस्यों ने सीएम आवास के नवीनीकरण में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। भाजपा ने इसमें दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार और करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया। बताते चलें कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से विधायक हैं। इसलिए नियमों के मुताबिक, वे नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के स्वाभाविक सदस्य भी हैं।

बैठक के दौरान भाजपा नेता और NDMC सदस्य कुलजीत चहल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और उन्हें एक ढोंगी राजा की कहानी सुनाई, जिसने दिल्ली की जनता को बेवकूफ बनाया। चहल ने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे, लेकिन करदाताओं के पैसे बंगला बनवाया। बिना इजाजत के केजरीवाल के घर पर पेड़ काटे गए।

कुलदीप चहल ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल घूर-घूरकर देख रहे थे। एनडीएमसी के इतिहास में पहली बार बैठक अव्यवस्थित रही। चहल ने आगे कहा कि काउंसिल मीटिंग के दौरान उन्होंने केजरीवाल को ढोंगी राजा की कहानी सुनाई थी, जिस पर वो कहने लगे की मीटिंग को आगे बढ़ाओ। सीएम के चेहरे पर डर दिख रहा था।

इसका एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि कुलदीप चहल कह रहे हैं, “केजरीवाल जी एक कहानी मैंने भी आपकी सुनी। एक कहानी मैं भी आपको सुनाना चाहता हूँ। एक ढोंगी राजा था। उस ढोंगी राजा ने….. (इस दौरान बैकग्राउंड में शोरगुल होने लगता है।” इस दौरान भाजपा के सदस्य सीएम केजरीवाल से जवाब माँगते रहे, लेकिन वे चुप रहे।

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने पिछले महीने एक अनपढ़ राजा की कहानी सुनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि पढ़ा-लिखा शासक ही देश को तरक्की की राह पर ले जा सकता है। अनपढ़ शासक से देश का सिर्फ नुकसान हो सकता है। अगर शासक अनपढ़ है और उसका कोई दोस्त है तो उस राजा को उखाड़ फेंकना चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा था, “किसी समय एक महान देश में चौथी पास राजा था। वह बहुत अहंकारी और भ्रष्टाचारी था। कुछ लोगों के कहने पर ही राजा फैसले लेता था। राजा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बैंकों का दो-ढाई लाख करोड़ लूट लिया और एयरपोर्ट, बिजली, तेल, खदान सब खरीद लिया। देश में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस सब महंगा होने से चारों तरफ हाहाकार मच गया। राजा ने विरोध करने वालों को जेल में डालना शुरू कर दिया।”

उन्होंने आगे कहा था, “आखिर में जनता को राजा की हकीकत पता चल गई और उसने उसे हटाकर एक ईमानदार देशभक्त आदमी को राजा बना दिया। देश खूब तरक्की करने लगा। राजा को कम पढ़ा होने पर बुरा लगने लगा और उसने एक फर्जी डिग्री बनवा ली। लोगों को यह बात ठीक नहीं लगी कि राजा ने फर्जी डिग्री बनवा ली और उन्होंने आरटीआई डाली, मगर आरटीआई डालने वालों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया जाता था।”

दरअसल, इस अरविंद केजरीवाल की इस कहानी पर ही कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता कुलदीप चहल ने अरविंद केजरीवाल को ढोंगी राजा की कहानी सुनाई। कहानी सुनते ही वो असहज हो गए और 30 मिनट में ही बैठक खत्म हो गई। इससे पहले साल 2022 में NDMC की बैठक में दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर खर्च की गई राशि के बारे में पूछा गया था तो अरविंद केजरीवाल बैठक से बाहर निकल गए थे।

उस दौरान कुलदीप चहल ने सीएम केजरीवाल से पूछा था, “एक आरटीआई कहती है कि आपके विधायक निधि को खर्च नहीं किया गया। कृपया उत्तर दें अरविंद केजरीवाल जी। आरटीआई में कहा गया है कि पिछले सात सालों से एनडीएमसी इलाकों में स्कूली बच्चों के लिए कोई काम नहीं किया गया है।” इस पर जवाब देने के बजाय वे बैठक छोड़कर निकल गए थे।

बताते चलें कि अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण में 45 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। इसका खुलासा टाइम्स नाऊ चैनल ने ‘शीशमहल’ नाम के अपने कार्यक्रम में किया था। सीएम केजरीवाल ने अपने घरों में लाखों रुपए के पर्दों से लेकर बाथरूम तक में करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। इसको लेकर वे विपक्षी दलों के निशाने पर है।

पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे आम लोग हैं। इसलिए वे सरकार से ना ही गाड़ी लेंगे और ना ही बंगला लेंगे। हालाँकि, बाद में उन्होंने सारी सुविधाएँ लीं और उन सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए 45 करोड़ रुपए का हिसाब पैसा खर्च किया। इसी को लेकर भाजपा नेताओं ने उन्हें ढोंगी राजा की उपाधि से नवाजते हुए कहानी सुना डाली।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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