यौन पीड़िताओं को लेकर कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) द्वारा दिए गए बयान के संबंध में दिल्ली पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था। अब दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा राहुल गाँधी से जानकारी लेने के लिए उनके घर पहुँचे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने उन पीड़िताओं का जिक्र किया था। इसके पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारी उनसे मिलने भी गए थे, लेकिन राहुल गाँधी ने उनसे बात नहीं की थी।
दिल्ली पुलिस का कहना है, “हम यहाँ (राहुल गाँधी के आवास पर) बात करने आए हैं।” इससे पहले दिल्ली पुलिस ने नोटिस भेजकर राहुल गाँधी से उन पीड़ित महिलाओं की जानकारी साझा करने के लिए कहा था, जिन्होंने उनसे यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। राहुल गाँधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इन महिलाओं का जिक्र किया था, जिसका दिल्ली पुलिस ने संज्ञान लिया है।
Delhi | Special CP (L&O) Sagar Preet Hooda arrives at the residence of Congress MP Rahul Gandhi in connection with the notice that was served to him by police to seek information on the ‘sexual harassment’ victims that he mentioned in his speech during the Bharat Jodo Yatra. pic.twitter.com/WCAKxLdtZJ
— ANI (@ANI) March 19, 2023
राहुल गाँधी ने श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि कई महिलाएँ उनसे मिली थीं, जिनका यौन उत्पीड़न किया गया। इनमें से कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने राहुल गाँधी से उन तमाम महिलाओं के बारे में जानकारी माँगी थी, ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।
Delhi Police issues a notice to Congress MP Rahul Gandhi to give details about those victims who approached him regarding their sexual harassment to provide them security. Police took cognizance of the social media posts and sent a list of questionnaires: Delhi Police
— ANI (@ANI) March 16, 2023
He gave a… https://t.co/jyO1hyupOk pic.twitter.com/r3M3YKyYSu
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी 15 मार्च 2023 को नोटिस लेकर राहुल गाँधी से मिलने गए थे। वहाँ 3 घंटे तक इंतज़ार करने के बाद भी राहुल गाँधी उनसे नहीं मिले। इसके बाद वह सीनियर अधिकारी गुरुवार को फिर से मिलने गए और राहुल गाँधी से समय माँगा। इस बार भी राहुल गाँधी ने कह दिया कि उनके पास समय नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के अधिकारी जब 16 मार्च को दोबारा राहुल गाँधी के घर उनसे मिलकर बयान लेने गए तो उन्होंने कुछ भी बात करने से साफ मना कर दिया। तब राहुल गाँधी ने पुलिस टीम से कहा था, “आप नोटिस दे दीजिए। मैं नोटिस का जवाब दे दूँगा।” इस नोटिस में पीड़ित महिलाओं का ब्योरा माँगा गया है।
बता दें कि यौन शोषण एक संज्ञेय अपराध है। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में पुलिस जैसी जाँच एजेंसियाँ इस पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती हैं। यही कारण है कि जब राहुल गाँधी ने इतने गंभीर अपराध की पीड़िताओं का जिक्र किया तो दिल्ली पुलिस उनसे जानकारी लेने उनके आवास पहुँची।
कानून यह देश का नागरिकों का दायित्व है कि किसी भी अपराध की जानकारी होने पर वे इसकी जानकारी संबंधियों एजेंसियों को दें। हालाँकि, राहुल गाँधी ने ऐसा नहीं किया। यहाँ तक कि उनसे जानकारी लेने खुद पुलिस पहुँची तो उन्होंने समय का हवाला देकर सहयोग नहीं किया।
भारतीय अपराध संहिता (IPC) की धारा 120 और 201 के तहत किसी भी संज्ञेय अपराध की जानकारी होना और उसे पुलिस या संबंधित अधिकारियों को ना देना और अपराधी को बचाने के उद्देश्य से उसे छिपाना अपराध की श्रेणी में आता है। इन दोनों के लिए अलग-अलग सजा का भी प्रावधान है।
कानून के जानकारों के मुताबिक, इस मामले में राहुल गाँधी पर किसी तरह का अपराध साबित होना मुश्किल है, क्योंकि राहुल गाँधी अपराध के साक्षी नहीं रहे हैं। उनसे पीड़िताओं ने मदद या भावनाओं को व्यक्त करने के उद्देश्य से अपनी आपबीती बताई होगी। हालाँकि, जानकारों का ह भी कहना है कि एक जिम्मेदार नागरिक कि हैसियत से राहुल गाँधी को इसकी जानकारी साझा करनी चाहिए।