पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार (7 दिसंबर) को एक टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार ने उनसे भाजपा के साथ सरकार बनाने की माँग की थी और कहा था कि उनके चाचा शरद पवार को उनकी इस प्लानिंग के बारे में पता है।
फडणवीस ने कहा,
“अजित पवार मेरे पास आए और कहा कि वे कॉन्ग्रेस के साथ सरकार नहीं बनाना चाहते हैं, और यह कि तीन दलों वाली सरकार स्थिर नहीं रह पाएगी। उन्होंने कहा था कि इस बारे में उन्होंने अपने चाचा शरद पवार को अपनी योजनाओं की जानकारी दी थी। इसके अलावा, उन्होंने NCP के उन विधायकों को भी बताया जो उनके सम्पर्क में थे इस बात से भी शरद पवार वाक़िफ़ थे।”
ग़ौरतलब है कि इससे पहले एक साक्षात्कार में शरद पवार ने कहा था कि वह जानते हैं कि अजित पवार, फडणवीस से मिल रहे हैं, लेकिन सरकार बनाने को लेकर उनके बीच क्या बातचीत हो रही थी, इससे वो अनभिज्ञ थे।
इसके आगे भाजपा नेता फडणवीस ने कहा कि अजित के साथ उनकी चर्चा कुछ दिनों से चल रही थी और ज्यादातर NCP विधायकों को भाजपा से हाथ मिलाने के बारे में जानकारी थी। उनहोंने कहा, “मैं कह सकता हूँ कि अधिकांश विधायक इससे अवगत थे। न केवल वे जो अजित पवार के सम्पर्क में थे, बल्कि मैंने ख़ुद उनमें से कई लोगों से बात की।”
फडणवीस ने बताया कि 1-2 दिनों की बातचीत को अंतिम रूप दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि सरकार बनाने पर कोई भी निर्णय केवल एक दिन की चर्चा से नहीं लिया जा सकता बल्कि उससे पहले से बातचीत करनी होती है। बाद में, NCP ने फडणवीस के दावों का खंडन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि अजित पवार अपने हिसाब से आए थे। उन्होंने कहा, “क्या कोई उन्हें कुछ भी करने के लिए मजबूर कर सकता है? वह अपनी मर्ज़ी से आए थे और उनके साथ NCP के कई विधायक भी थे जो उनका समर्थन कर रहे थे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वास्तव में शरद पवार को सब पता था, इस पर फडणवीस ने कहा,
“यह आपको अजित पवार से पूछना होगा। उन्होंने मुझे बताया था कि वो (शरद पवार) जानते थे। मैं केवल यह कह सकता हूँ कि पर्दे के पीछे जो कुछ भी है, वो उचित समय पर सामने आएगा।”
उन्होंने कहा कि अजित के विद्रोह से कुछ समय पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शरद पवार की मुलाक़ात के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया था। पवार ने कहा था कि मोदी ने उन्हें भाजपा के साथ काम करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
फडणवीस ने कहा, “बैठक से पहले और उसके दौरान चर्चा हुई थी। यह सही समय पर सामने आएगा।” इसके अलावा, फडणवीस ने यह भी कहा कि सिंचाई घोटाले में अजित पवार को मिली क्लीन चिट से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भष्टाचार विरोधक शाखा का हलफ़नामा 27 नवंबर का है और उन्होंने 26 नवंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था।
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