Tuesday, November 5, 2024
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सोनिया गाँधी को ED ने फिर जारी किया समन, नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब 21 जुलाई को होगी पूछताछ

पिछले महीने राहुल गाँधी पूछताछ में शामिल हुए थे। इस वजह से कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में काफी हंगामा भी किया था। यहाँ तक कि राहुल गाँधी की पेशी के विरोध में कॉन्ग्रेस नेता भी सड़क पर उतर आए थे।

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को नया समन जारी किया है। अब ईडी ने सोनिया गाँधी को 21 जुलाई, 2022 को पेश होने को कहा है। इससे पहले जब ईडी ने समन जारी किया था तो स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोनिया गाँधी ने इसे पोस्टपोन करने का निवेदन किया था।

बता दें कि नेशनल हेराल्ड केस में 8 जून को सोनिया गाँधी को पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था, लेकिन वो कोरोना से संक्रमित हो गईं। इसके बाद 23 जून को ही पूछताछ होनी थीं, उस दौरान वो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की वजह से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थीं। हालाँकि, कुछ ही दिनों में वो डिस्चार्ज हो गई थीं। ऐसे में अब 21 जुलाई को उनको पूछताछ के लिए ED के दफ्तर बुलाया गया है।

हालाँकि, पिछले महीने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गाँधी पूछताछ में शामिल हुए थे। इस वजह से कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में काफी हंगामा भी किया था। यहाँ तक कि राहुल गाँधी की पेशी के विरोध में कॉन्ग्रेस नेता भी सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने इसका विरोध किया था।

गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत 1938 में हुई थी। ये कई बार शुरू हुआ और फिर बंद हो गया। वहीं 2008 में ये अखबार फिर से पूरी तरह बंद कर दिया गया था और अखबार का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल्स को दे दिया गया। इस कंपनी ने कॉन्ग्रेस से बिना ब्याज के 90 करोड़ रुपए कर्ज लिया, लेकिन अखबार फिर भी शुरु नहीं हुआ।

वहीं 2012 में इसका मालिकाना हक यंक इंडिया को ट्रांसफर कर दिया गया। इस कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी सोनिया और राहुल की थी। आरोप है कि यंग इंडिया ने हेराल्ड की संपत्ति को 50 लाख में हासिल किया, जबकि उसकी कीमत 1600 करोड़ के आसपास थी।

बता दें कि नेशनल हेराल्ड का मामला तब चर्चा में आया था जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका देकर आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं ने अवैध तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए असोसिएट जर्नल्स का अधिग्रहण किया था। तब स्वामी ने आरोप लगाया था कॉन्ग्रेस नेताओं ने पैसे का गबन किया है।

वहीं 2015 में इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने सोनिया और राहुल गाँधी को जमानत दे दी थी। इसके बाद 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी समेत आरोपितों को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। और अब इसी मामले में ED ने फिर से जाँच शुरू की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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