भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शुक्रवार (सितम्बर 25, 2020) को बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है। 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों होंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव मतदान तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे और इसके नतीजे नवंबर 10, 2020 को घोषित किए जाएँगे। फेज- 1 में 71 सीटें होंगी, फेज- 2 में 94 सीटें होंगी और फेज- 3 में 78 सीटें होंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “बिहार राज्य में विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 29, 2020 को समाप्त होने वाला है। बिहार विधानसभा में 243 सदस्यों की संख्या है, जिनमें से 38 सीटें एससी और दो एसटी के लिए आरक्षित हैं।”
Bihar Polls to be held in 3 phases
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 25, 2020
◾Phase 1 : 28th Oct-71 seats
◾Phase 2:3rd Nov- 94 seats
◾Phase 3:7th Nov- 78 seats
🔵Results on 10 Nov
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ इस बार सुरक्षित चुनावों पर जोर दिया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों की कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर चुनाव स्थगित किए जाने के जवाब में चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया का पालन करने के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया है।
निर्वाचन प्रक्रिया में सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन किया जाएगा और सभी को मतदान केंद्रों पर मास्क पहनना होगा। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक बूथ पर सिर्फ 1,000 मतदाता ही मदतान कर पाएँगे। इसके अलावा, ज्यादा तापमान वाले लोगों को मतदान प्रक्रिया के अंतिम एक घंटे में मतदान करना होगा और उस बूथ पर कम मतदाता होंगे।
प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, “7 लाख से अधिक हैंड सेनिटाइज़र, लगभग 46 लाख मास्क, 6 लाख पीपीई किट, 6.7 लाख यूनिट फेस-शील्ड, 23 लाख (जोड़े) हैंड ग्लव्स की व्यवस्था की गई है। मतदाताओं के लिए विशेष रूप से, 7.2 करोड़ एक बार इस्तेमाल होने वाले हैंड ग्लव्स की व्यवस्था की गई।”
सुनील अरोड़ा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी में यह पहला चुनाव होगा। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे दिन और महीने बीतते गए COVID -19 ने कम होने के कोई संकेत नहीं दिखाए, यह महसूस किया गया कि लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा के लिए ईमानदार और व्यवस्थित प्रयास करते हुए मतदाताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों को संतुलित करने के लिए किसी तरह का रास्ता निकालना होगा।”