उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन कर रैली निकालने के मामले में मंगलवार (18 जनवरी 2022) को चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी को दोबारा ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। आयोग ने इस चुनाव में इसे समाजवादी पार्टी की पहली गलती मानते हुए उसे यह कहकर छोड़ दिया कि वो इस अवधि में पूरी तरह से कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव के मौजूदा दौर के दौरान पहली बार मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन की सूचना है। इसलिए पार्टी को भविष्य में सावधान रहने, सभी मौजूदा दिशा-निर्देशों का पूरी लगन से पालन करने और अपने पार्टी के सभी सदस्यों को निर्देश देने की सलाह दी गई।
इससे पहले शनिवार (16 जनवरी 2022) को चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी को नोटिस जारी कर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में उससे 24 घंटे के भीतर जबाव देने का आदेश दिया था।
समाजवादी पार्टी रैली का मामला
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 14 जनवरी 2022 को डिजिटल रैली के नाम पर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में हजारों की संख्या में भीड़ जुटाई गई थी। उस दिन सीएम योगी की कैबिनेट का हिस्सा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य और डॉ धर्म सिंह सैनी समेत कई विधायक अखिलेश यादव की उपस्थिति में सपा में शामिल हुए।
इसके बाद लखनऊ पुलिस ने सपा के खिलाफ धारा 144 तोड़ने और महामारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी। गौतमपल्ली थाने में धारा 144 का उल्लंघन और महामारी एक्ट के तहत करीब 2500 कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई। इसको लेकर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा था कि सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।