Tuesday, May 20, 2025
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लामडिंग जंगल को हिमंता सरकार ने कराया अतिक्रमण मुक्त: तैनात किए 1000 जवान, गोरुखुटी में अभियान के दौरान हुई थी हिंसा

23 सितंबर को दारांग जिले के गोरुखुटी इलाके में भी अतिक्रमण के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान पुलिस पर गाँव वालों ने हमला कर दिया था। इस हमले में 12 साल का एक किशोर सहित दो लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हो गए थे।

असम के होजई जिले के लामडिंग रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को हटाने का काम शांतिपूर्ण समाप्त हो गया है। इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा ने बताया कि यहाँ रहने वाले सभी लोगों को घर वापस भेज दिया गया है और अब यह जंगल अतिक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो गया है। अतिक्रमण हटाने के अभियान में राज्य सरकार ने 1,000 पुलिस औ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया था।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई और यह अभियान शांत से निपट गया। वहीं, होजई के उपायुक्त अनुपम चौधरी ने कहा कि बेदखली अभियान सोमवार को शांति से संपन्न हो गया, क्योंकि वहाँ के लोगों को गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के बारे में बताया गया था। जिला प्रशासन द्वारा की गई काउंसलिंग के बाद अधिकांश लोग पिछले कुछ दिनों में वहाँ से चले गए थे।

गौरतलब है कि लामडिंग वन क्षेत्र के 22,403 हेक्टेयर क्षेत्र में से 1,410 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा था। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा था। होजई के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर गौनादीप दास के अनुसार, 1,410 हेक्टेयर भूमि पर 670 परिवार के 3,000 लोग रह रहे थे। वे लोग यहाँ खेती व व्यवसाय कर रहे थे।

बता दें कि करीब डेढ़ महीने पहले यानी 23 सितंबर को दारांग जिले के गोरुखुटी इलाके में भी अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इस अभियान के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। जगह खाली कराने गई पुलिस पर गाँव वालों ने हमला कर दिया था। इस हमले में दो लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हो गए थे। मारे गए लोगों में 12 साल का एक किशोर भी शामिल था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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