Saturday, July 27, 2024
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कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया, कुमारस्वामी पर राजद्रोह, मानहानि का मुक़दमा दर्ज

"यह सब एक राजनीतिक प्रतिशोध है। सभी मामले भाजपा के अधिकारियों और मित्रों द्वारा किए जा रहे हैं। हम जानते हैं। हम इसे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं, कोई बात नहीं।"

बेंगलुरु पुलिस ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्रियों सिद्धारमैया और एचडी कुमारस्वामी के ख़िलाफ़ एक निचली अदालत के आदेश के आधार पर राजद्रोह और मानहानि के आरोप में एक FIR दर्ज की है।

एक शिक़ायत पर कार्रवाई करते हुए, निचली अदालत ने पुलिस को कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार, परमेश्वरा, दिनेश गुंडु राव और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है। यह FIR बुधवार (27 नवंबर) को दर्ज की गई थी।

वहीं, कॉन्ग्रेस के डीके शिवकुमार ने प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए इसे भाजपा की साज़िश करार दिया है। उन्होंने कहा, “यह सब एक राजनीतिक प्रतिशोध है। सभी मामले भाजपा के अधिकारियों और मित्रों द्वारा किए जा रहे हैं। हम जानते हैं। हम इसे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं, कोई बात नहीं।”

क्या है पूरा मामला

कॉन्ग्रेस और जनता दल (सेक्‍युलर) नेताओं ने लोकसभा चुनाव 2019 के समय आयकर विभाग की छापेमारियों का विरोध किया था। कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन नाम के एक्टिविस्‍ट ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिक़ायत के अनुसार, तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जनता दल (सेक्‍युलर) और कॉन्ग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी करने से पहले ही आई-टी छापे के बारे में जानकारी लीक कर दी थी।

कुमारस्‍वामी ने अपने डिप्‍टी परमेश्‍वर, पूर्व सीएम सिद्धारमैया, गठबंधन सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को साथ लेकर 27 मार्च को IT विभाग के ऑफ़िस के बाहर प्रदर्शन किया था। शिक़ायतकर्ता ने दावा किया था कि यह धरना-प्रदर्शन साफ़ तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्‍लंघन था। इसके अलावा, अपनी शिक़ायत में मल्लिकार्जुन ने कहा था कि IT अधिकारियों को ‘बीजेपी एजेंट’ बताया जो कि ड्यूटी में व्यवधान डालने के समान है।

ग़ौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ताधारी जेडीएस और कॉन्ग्रेस ने अपने नेताओं के ख़िलाफ़ आयकर विभाग के छापों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था और नारेबाज़ी की थी। चुनाव के बाद पिछले दिनों कई दिन तक चले सियासी नाटक के बाद कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके चलते कुमारस्वामी सरकार की विदाई के बाद कर्नाटक में भाजपा ने सरकार बनाई और बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने।

यह भी पढ़ें: 3 महीने में ही कॉन्ग्रेस के लिए सांप्रदायिक हुए कुमारस्वामी, सिद्धारमैया ने कहा- पूर्व सीएम का असली रंग सामने आया

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