पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियाँ तेज क्या की, तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) में इस्तीफों का पतझड़ सा शुरू हो गया। मंगलवार (दिसंबर 22, 2020) को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई, लेकिन 4 बड़े नाम उसमें से नदारद रहे। पार्टी के सेक्रेटरी जनरल पार्थ चटर्जी का कहना है कि उनमें से 3 ने अपनी अनुपस्थिति के जायज कारण गिना दिए, लेकिन एक राजीब बनर्जी से संपर्क ही नहीं हो पाया।
डोमजूर के विधायक राजीब बनर्जी राज्य के वन मंत्री हैं और हाल ही में उन्होंने पार्टी को लेकर कुछ आपत्तियाँ जताई थीं। कोलकाता की एक बैठक में उन्होंने पार्टी में भाई-भतीजावाद और चापलूसी के बारे में बातें कही थीं। उनका बयान हाल ही में TMC से भाजपा में गए शुभेंदु अधिकारी के बयान से मिलता-जुलता है, जिन्होंने अभिषेक बनर्जी का नाम लिए बिना ही कहा था कि पैराशूट से नेता लाकर पार्टी में ऊपर उठाए जा रहे हैं।
राजीब बनर्जी के इस बयान के बाद पार्थ चटर्जी ने उन्हें एक बैठक के लिए बुलाया भी, जिसमें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी शामिल थे। इसके बाद उनके तेवर नरम पड़े थे और उन्होंने कहा था कि उनके बयान को पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। हालाँकि, कैबिनेट की बैठक से उनकी अनुपस्थिति फिर से उनके असंतुष्ट होने की अटकलों को बल दे रही है।
राजीब बनर्जी ने कहा था कि उनका कभी-कभी मन करता है कि वे भी बाहर निकलें और इन चीजों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करें। उन्होंने साउथ कोलकाता में एक समाजिक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा था कि जो लोग AC में बैठ कर जनता को बेवकूफ बनाते हैं, उन्हें हर स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा था कि जिन लोगों ने कुशलता से काम किया है, वो पीछे छूट जाते हैं।
नॉर्थ बंगाल विकास मंत्री रबीन्द्रनाथ घोष भी इस बैठक से नदारद रहे, जो कूच विहार से आते हैं। उन्होंने कारण बताया कि वो पार्टी के ‘दुआरे-दुआरे’ अभियान के तहत जनसम्पर्क में व्यस्त हैं। इस अभियान के तहत राज्य की जनता तक सरकारी सुविधाओं को पहुँचाने की बात कही जा रही है। पर्यटन मंत्री गौतम देब दार्जिलिंग से आते हैं और उन्होंने कहा है कि वो अस्वस्थ हैं। बीरभूम के चन्द्रनाथ साहा का कहना है कि वो सीएम ममता के आगामी दौरे की तैयारियों में व्यस्त हैं।
Days after former Cabinet Minister Suvendu Adhikari joined the BJP, four ministers of the West Bengal government were absent from a cabinet meeting chaired by CM Mamata Banerjee.https://t.co/grDrGpSyBH
— News18.com (@news18dotcom) December 22, 2020
शुभेंदु अधिकारी के करीबियों का कहना है कि वो अगले 3 महीनों में TMC को पूरी तरह तोड़ देंगे। अमित शाह भी मिदनापुर की रैली में कह चुके हैं कि चुनाव आते-आते ‘दीदी’ अपने भतीजे के साथ पार्टी में अकेले ही रह जाएँगी। वहीं TMC जाने वालों के बारे में कह रही है कि उन्होंने असली चेहरे दिखा दिए और इससे पार्टी के ऊपर से बोझ कम हुआ है। अब कहा जा रहा है कि राजीब बनर्जी के जाने से पार्टी का आत्मविश्वास एकदम कम हो जाएगा।