Friday, November 15, 2024
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जो पुलिस मूक होकर देखती रही तमाशा, वो कैसे दिलाएगी न्याय: संदेशखाली में महिलाओं ने राज्यपाल से लगाई गुहार, स्मृति ईरानी ने CM ममता को लताड़ा

प्रताड़ित महिलाओं का कहना है कि पुलिस उनपर होते अत्याचारों के बारे में जानती थी फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया। उनकी इस गुहार के बीच यह मुद्दा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उठाया है। उन्होंने मीडिया में कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खरी-खरी सुनाई है।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों से तंग आई महिलाओं का वहाँ की स्थानीय पुलिस से विश्वास उठ गया है। जाँच टीम गठित होने के बावजूद महिलाओं ने राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पुलिस उनपर होते अत्याचारों के बारे में जानती थी फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया। उनकी इस गुहार के बीच यह मुद्दा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उठाया है। उन्होंने मीडिया में कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खरी-खरी सुनाई है।

उन्होंने मीडिया में बात करते हुए कहा कि जवान शादीशुदा महिलाओं को संदेशखाली में निशाना बनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वो ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही हैं जो हिंदू महिलाओं को टारगेट करके उनका रेप करते हैं। ईरानी ने संदेशखली की महिलाओं द्वारा लगाए आरोपों को अनुवाद कर बताया कि TMC के गुंडे घर-घर जाकर देखते थे कि किस घर की कौन सी औरत सुंदर है। कौन कम उम्र की है? इसके बाद TMC के गुंडे उन्हें रात में उठा कर लेकर चले जाते थे। जब तक TMC वाले नहीं चाहते थे, तब तक इन औरतों को नहीं छोड़ा जाता था।

स्मृति ईरानी ने संदेशखली की औरतों की व्यथा सुनाते हुए कहा- “ममता हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती हैं। वह अपने गुट के पुरुषों को महिलाओं से अभद्रता करने की अनुमति दे रही हैं। देश के लोग इसे चुपचाप कैसे देख सकते हैं।”

बता दें कि एक ओर जहाँ संदेशखली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मुद्दा सामने आने के बाद सब हैरान हैं। वहीं इस मामले में बंगाल पुलिस ने 10 सदस्यों की टीम गठित करके महिलाओं के आरोपों की जाँच करने की बात कही है। लेकिन महिलाओं की आपत्ति इस बात से है कि जो पुलिस अब तक उनके साथ होते अन्याय पर चुप थीं, वो अब उनको न्याय कैसे देंगी।

बताया जा रहा है कि टीम को जो महिला डीआईजी लीड करेंगी, उन पर भी स्थानीयों ने इल्जाम लगाया है कि वो टीएमसी गुंडों की गुंडागर्दी के बारे में जानती थीं और फिर भी अब तक चुप थीं। वहीं कुछ वीडियोज भी महिलाओं की सामने आई है जिनमें वह कहती सुनाई पड़ रही हैं कि संदेशखाली में पुलिस द्वारा पीड़िताओं को प्रताड़ित किया जाता है। कभी रात में पुलिस घर आ जाती है तो कभी घर के पुरुषों को गाली देती है।

एक महिला ने तो रिपब्लिक बंग्ला को यहाँ तक बताया कि टीएमसी गुंडों ने उनकी खिड़की तोड़ दी थी और उनसे बाहर आने को कहा था। महिला के अनुसार, “उन लोगों ने साफ कहा था कि वो मेरा गैंगरेप करेंगे। ये सब पुलिस के सामने हो रहा था। कई महिलाएँ ऐसी भी हैं जिनके बाल और साड़ी खींची जाती है। हम संदेशखली में सुरक्षित नहीं है। ऐसी प्रताड़ना से तो बेहतर है हमें मार दिया जाए।”

पुलिस का रवैया देख पीड़िताएँ उनपर विश्वास नहीं कर पा रहीं। 12 फरवरी को उन्होंने बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस से इस मामले में न्याय माँगा। उन्होंने कहा, “जब तक आप यहाँ रहते हैं, हम बात कर सकते हैं, लेकिन एक बार जब आप चले जाते हैं, तो स्थिति वही हो जाती है जो पहले थी। वे हम पर अत्याचार करते रहेंगे। कुछ ऐसा करो कि वे गिरफ्तार हो जाएँ। हम कड़ी सजा की माँग करते हैं; हम न्याय चाहते हैं।” बंगाल राज्यपाल ने इस मामले में महिलाओं को आश्वासन दिया है कि आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब हो कि 8 फरवरी 2024 को संदेशखाली में सैंकड़ों महिलाएँ झाड़ू और डंडा लेकर सड़कों पर आ गईं थीं। उन्होंने टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ की गिरफ्तारी की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने उनका जीना मुश्किल कर दिया है। उनकी जमीनें कब्जा ली गई हैं। घटना के बाद भाजपा नेता अर्चना मजूमदार ने दावा किया था कि स्थानीय पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के घर रेड मारी थी और उन्हें प्रताड़ित भी किया गया। इसके बाद वहाँ हिंदू महिलाओं को टारगेट करने, उनके साथ यौन हिंसा क की बातें भी मीडिया में आईं और जब स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे को उठाया तो इस पर हर जगह चर्चा शुरू हो गई। अब महिलाओं को न्याय दिलाने की माँग हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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