अमेरिका (America) में 2+2 मीटिंग के लिए गए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने चीन के साथ गतिरोध में भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी के बारे में बताया है। उन्होंने इशारों में कहा कि अगर भारत को नुकसान हुआ तो भारत किसी को भी नहीं छोड़ेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं खुले तौर पर यह नहीं कह सकता कि उन्होंने (भारतीय सैनिकों ने) क्या किया और हमने (सरकार ने) क्या फैसले लिए। लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि (चीन को) एक संदेश गया है कि अगर भारत को नुकसान हुआ तो भारत किसी को नहीं बख्शेगा।”
उल्लेखनीय है कि साल 2020 मई के महीने में लद्दाख में पैंगोंग झील के क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 15 जून, 2020 को दोनों सैनिकों के गलवान घाटी में भिड़ंत में 20 भारतीय जवान बलिदान हो गए थे। कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की इमेज बदली है और देश का मान बढ़ा है। अगले कुछ सालों में दुनिया की कोई भी ताकत भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती है।
इशारों में रक्षा मंत्री ने रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका के ऐतराज पर उसे आइना दिखाया। इशारों में उन्होंने कहा कि किसी एक देश के साथ उसके संबंध दूसरे की कीमत पर नहीं हो सकते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा, “अगर भारत के एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएँगे। भारत ने इस तरह की कूटनीति कभी नहीं अपनाई है। भारत इसे कभी नहीं अपनाएगा। हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जीरो-सम गेम में विश्वास नहीं करते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत द्विपक्षीय संबंधों में यकीन करता है, जो दोनों देशों के लिए ‘विन-विन’ हो। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन संकट के बीच भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिसका अमेरिका विरोध कर रहा है।