उत्तर प्रदेश के लखनऊ में लगे CAA विरोध के नाम पर दंगा भड़काने और हिंसा करने वालों के होर्डिंग्स लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बुधवार (मार्च 11, 2020) को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के होर्डिंग्स हटाने के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब गुरुवार (मार्च 12, 2020) को सुबह 10:30 बजे उत्तर प्रदेश सरकार की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
Uttar Pradesh Adv General Raghvendra Singh: Uttar Pradesh Govt has knocked the doors of Supreme Court challenging the Allahabad High Court’s order to immediately remove the posters of those accused persons allegedly involved in vandalism during the CAA protests in the State pic.twitter.com/GkpVwqw2q4
— ANI (@ANI) March 11, 2020
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 19 दिसंबर 2020 को लखनऊ के कई इलाकों में जबरदस्त हिंसा हुई थी। इस दौरान हुई तोड़फोड़ और आगजनी से सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान हुआ था। जिसके बाद योगी सरकार ने आरोपित दंगाइयों से नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन दंगों में आरोपित 57 लोगों के नाम उनके पते साथ होर्डिंग्स बनवाकर शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर लगाए गए थे। यह सभी आरोपित लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं। बता दें कि पहले ही प्रशासन ने 1.55 करोड़ रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए इनको वसूली के नोटिस जारी किए गए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में करीब 100 जगहों पर लगे आरोपितों के होर्डिंग के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने लखनऊ के डीएम और कमिश्नर को तलब किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए रविवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लखनऊ हिंसा के 57 आरोपितों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने 16 मार्च तक रजिस्ट्रार जनरल को एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। मगर हाईकोर्ट के इस फैसले से योगी सरकार असंतुष्ट थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया और पीछे नहीं हटने का फैसला लिया। इसके बाद आज योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब देखने वाली बात यह है कि कल देश के सर्वोच्च न्यायाृलय इस मुद्दे पर क्या फैसला सुनाती है।