जामिया मिलिया इस्लामिया की इस्लामी कट्टरपंथी छात्रा आयशा रेना अपने साथियों की रिहाई की माँग लिए केरल पहुँच गई हैं। केरल में वामपंथी नेताओं ने आयशा का कड़ा विरोध किया। बता दें कि जामिया हिंसा के कारण गिरफ़्तार किए गए उपद्रवियों की रिहाई के लिए आयशा लगातार विरोध प्रदर्शन में लगी हुई हैं। उनकी माँग है कि भीम आर्मी के चंद्रशेखर उर्फ़ रावण को जेल से रिहा किया जाए। लेकिन, जगह-जगह घूम-घूम कर विरोध प्रदर्शन करने वाली आयशा को अपनी ही दवा का स्वाद तब चखना पड़ा, जब केरल में सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने उनका ही विरोध किया।
दरअसल, आयशा ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर गंभीर आरोप लगाए थे। आतंकी याकूब मेमन की समर्थक आयशा ने केरल के मलप्पुरम में प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वो देश में अल्पसंख्यक राजनीति को उभरते हुए देखना चाहती हैं। उन्होंने अल्पसंख्यक राजनीति का अर्थ समझाते हुए बताया कि इसका आशय ‘मुस्लिम-बहुजन पॉलिटिक्स’ से है। उन्होंने माँग करते हुए कहा कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद को तुरंत रिहा किया जाए।
Jamia Millia Islamia student Aysha Renna in Malappuram: In last 2 weeks, a number of students from Jamia Millia Islamia have been arrested and jailed by the Pinarayi Vijayan govt and his police. We demand their immediate release. (28.12.2019) #Kerala https://t.co/UfusqavGNv
— ANI (@ANI) December 29, 2019
इस दौरान आयशा ने मुख्यमंत्री विजयन को लपेटे में लेते हुए कहा कि पिछले 2 हफ़्तों में केरल की सीपीएम सरकार ने बड़ी संख्या में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है। उन्होंने केरल पुलिस पर भी आरोप लगाया। आयशा ने कहा कि वो इन सभी छात्रों को रिहा किए जाने की माँग करती हैं। आयशा के इस बयान से भड़के सीपीएम कार्यकर्ताओं ने विरोध में नारेबाजी की और माफ़ी माँगने को कहा। सीपीएम कार्यकर्ताओं ने आयशा को घेर कर नारेबाजी की।
#WATCH Kerala: Communist Party of India-Marxist (CPI-M) activists hold protest in Malappuram against Jamia Millia Islamia student Aysha Renna, demanding her apology for using the name of Pinarayi Vijayan, the Chief Minister of Kerala. (28.12.2019) pic.twitter.com/rC4vuQdjyT
— ANI (@ANI) December 29, 2019
बता दें कि आयशा और लदीदा वही युवतियाँ हैं, जिन्हें जामिया हिंसा के दौरान पोस्टर गर्ल बना कर उभारने की कोशिश की गई थी। बरखा दत्त सहित कई पत्रकारों ने उन दोनों को हाइलाइट किया था। इसके लिए पूरा का पूरा ड्रामा रचा गया था, जिसमें एक उपद्रवी को बसाने के लिए दोनों युवतियों ने पुलिस से झड़प की थी। पूरी घटना को हाई क्वालिटी के कैमरे से शूट किया गया था।
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याकूब समर्थक आयशा और जिहाद का ऐलान करने वाली लदीदा: पहले से तैयार है जामिया का स्क्रिप्ट?