Friday, May 23, 2025
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7 साल से BJP के प्रदेश अध्यक्ष, फिर भी पास में केवल ₹1000: क्या रवींद्र रैना को जानते हैं आप, जमीन-घर-गाड़ी-सोना कुछ भी नहीं उस नेता के पास जो रह चुका है MLA भी

रैना के हलफनामे में इस बात का उल्लेख है कि उनके पास ना तो जमीन है और ना ही बैंक में जमा राशि। उन्हें कोई पैतृक संपत्ति भी नहीं मिली है और न ही उन्होंने कोई निवेश किया है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जम्मू और कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना हाल ही में चुनावी हलफनामे में देश के सबसे गरीब उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं। यह जानकारी उनके द्वारा दाखिल किए गए चुनावी दस्तावेजों से प्राप्त हुई है, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति शून्य बताई है। रवींद्र रैना की यह घोषणा राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि आमतौर पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संपत्ति करोड़ों में होती है।

रैना के हलफनामे में इस बात का उल्लेख है कि उनके पास ना तो जमीन है और ना ही बैंक में जमा राशि। उन्हें कोई पैतृक संपत्ति भी नहीं मिली है और न ही उन्होंने कोई निवेश किया है। रवींद्र रैना के चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके पास जम्मू के गाँधी नगर में सिर्फ सरकारी आवास है, यह भी उन्हें 2014 में विधायक चुने जाने के बाद आवंटित हुआ था। चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके पास सिर्फ 1000 रूपये ही कैश हैं। ऐसे में 2014 के मुकाबले उनके 20 हजार रुपये की कमी आई है।

इसके अलावा उन पर किसी प्रकार का बिजली, फोन और पानी का बिल भी बकाया नहीं है। रविंद्र रैना साइंस से ग्रैजुएट हैं और ड्यूटीज एजुकेशन में डिप्लोमा किया है। वे जम्मू-कश्मीर में भाजपा के शीर्ष नेताओं में से एक हैं पार्टी के लिए चुनावी कैंपेन करने में जुटे हैं। रवींद्र रैना साल 2017 से ही बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष हैं। भाजपा में आने से पहले संघ में सक्रिय रहे। रैना ने 2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी के सुरिंदर चौधरी को 9 हजार 503 वोटों से पराजित किया था।

रैना की इस जानकारी के बाद उनके समर्थक इसे उनकी सादगी और ईमानदारी का प्रतीक मान रहे हैं, जबकि कुछ विपक्षी दल इसे एक राजनीतिक चाल करार दे रहे हैं। रैना ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह एक साधारण जीवन जीते हैं और जनता की सेवा करना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। समर्थकों की राय बीजेपी के समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता इस बात को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं कि उनका प्रदेश अध्यक्ष ईमानदार और गरीबों के प्रति संवेदनशील है। रवींद्र रैना की छवि एक जमीनी नेता की रही है, जो समाज के हर वर्ग से जुड़े हुए हैं।

रवींद्र रैना से जुड़ी इस जानकारी ने एक बार फिर से भारतीय राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी की बहस को गर्म कर दिया है। देखना होगा कि आने वाले चुनावों में यह मुद्दा किस तरह से असर डालता है और क्या जनता इस बात को उनके पक्ष में देखेगी।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होने हैं, जिसमें पहले चरण के लिए मतदान 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर को और तीसरे चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। रवींद्र रैना एक बार फिर से नौशेरा से ही चुनाव मैदान में हैं।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
I am Shravan Kumar Shukla, known as ePatrakaar, a multimedia journalist deeply passionate about digital media. Since 2010, I’ve been actively engaged in journalism, working across diverse platforms including agencies, news channels, and print publications. My understanding of social media strengthens my ability to thrive in the digital space. Above all, ground reporting is closest to my heart and remains my preferred way of working. explore ground reporting digital journalism trends more personal tone.

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