झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार के साथ उनके खास लोगों की सम्पत्ति की जाँच प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कराए जाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता शिव शंकर वर्मा हैं। अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद तय की गई है। सोरेन और उनके करीबियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
Jharkhand HC directs ED & Registrar of Companies to probe & file a report in 2 weeks on the status of alleged money laundering by CM Hemant Soren, his brother Basant Soren & their associates through shell companies&amassing disproportionate properties against their known income. pic.twitter.com/Hb4Gydu7VN
— ANI (@ANI) April 22, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन लोगों की सम्पत्तियाँ ED द्वारा जाँच कराए जाने के हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं उनमें हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल, अमित अग्रवाल, रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल, निधि अग्रवाल, प्रेमनाथ माली, रंजन साहू, विवेकानंद राउत समेत कुल 13 लोग शामिल हैं। जाँच में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज भी शामिल होगी जो 300 से अधिक कंपनियों के क्रेडिंशयल जाँचेंगी। यह आदेश झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जाँच के दायरे में आने वाली 28 कंपनियों में हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरन का पैसा लगा हुआ है। याचिकाकर्ता के मुताबिक इस शेल कंपनियों ने इस मामले में बड़ी भूमिका निभाई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ED यह जाँच करेगी कि इन कंपनियों ने पैसों का किस रूप में निवेश कर के कैसे फायदा कमाया है। इसी केस में बसंत सोरेन के महाराष्ट्र निवासी संबंधी सुरेश नागर की भूमिका की जाँच होगी।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के इस आदेश से पहले ही हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में बताई जा रही थी। चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिख कर ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ पर जवाब माँगा है। मुख्यमंत्री सोरेन पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए खुद को ही खदान आवंटित करने का आरोप याचिकाकर्ता शिव शंकर वर्मा ने लगाया है। खदान राँची जिले के अनगड़ा मौजा में 0.88 एकड़ वर्ग क्षेत्र में फैला है।