Tuesday, November 5, 2024
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जिस इलाके में भगवा रैली पर हुआ हमला, वहाँ मस्जिद-घरों की छत पर मिले ईंट-पत्थर: करौली हिंसा पर रिपोर्ट से खुलासा, देखिए Video

जिन छतों से पत्थरबाजी हुई वहाँ के विजुअल्स में साफ दिख रहा है कि कितनी भारी मात्रा में ईंट पत्थर इकट्ठा किए गए थे। भारी-भारी पट्टियाँ एक जगह इकट्ठा थीं जिन्हें बाद में भगवा रैली निकालने वाले हिंदुओं पर दो-दो लोगों ने मिल कर फेंका।

राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के मौके पर निकलने वाली भगवा यात्रा पर जो पत्थरबाजी की गई उसे लेकर नई जानकारी सामने आई है। मालूम चला है कि जिस मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदुओं पर पत्थर बरसाए गए वहाँ के मस्जिद पर, घरों पर पहले से भारी-भारी ईंट-पत्थर इकट्ठा किए गए थे। फिलहाल इस पूरी घटना के संबंध में 46 लोग पकड़े गए हैं। हालात देखते हुए 7 अप्रैल तक कर्फ्यू भी लगा दिया गया है।

रिपब्लिक भारत ने हिंसा के संबंध में खुलासा करते हुए उस मस्जिद उस जिम और उन घरों की छतों को दिखाया जहाँ से पत्थरबाजी को अंजाम दिया गया। विजुअल्स में साफ दिख रहा है कि कितनी भारी मात्रा में ईंट पत्थर इकट्ठा किए गए थे। भारी-भारी पट्टियाँ एक जगह इकट्ठा थीं जिन्हें बाद में भगवा रैली निकालने वाले हिंदुओं पर दो-दो लोगों ने मिल कर फेंका। पत्रकार अनुमान लगाते हैं कि ये पट्टी कम से 10 किलो की तो होंगी ही। रिपोर्ट में मस्जिद की छत भी जूम करके दिखाई गई है। इसके अलावा आस-पास घरों की जो छत हैं वहाँ भी पत्थर दिखाई पड़ रहे हैं।

रिपब्लिक भारत के पत्रकार ने बताया कि जिस जिम से पत्थरबाजी हुई उसे चलाने का काम कॉन्ग्रेस पार्षद मतलूब अहमद करते हैं। उनका नाम इस पूरी हिंसा की एफआईआर में भी हैं। लेकिन वह घटना के बाद से पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

करौली में कर्फ्यू बढ़ाया गया

जिले के बिगड़े हालात देखते हुए जिला अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत ने करौली में 7 अप्रैल तक कर्फ्यू लगा दिया है। पहले ये कर्फ्यू केवल 4 अप्रैल की मध्यरात्रि तक था, पर कल इसे बढ़ा दिया गया। मोबाइल इंटनेट सेवाएँ अब भी सुरक्षा लिहाज से बंद रखी गई हैं।

करौली हिंसा

गौरतलब है कि करौली में हिंदू नव वर्ष के जुलूस पर 2 अप्रैल 2022 (शनिवार) को हिंसा हुई थी। इसके बाद दुकानों में आगजनी की गई। इस पूरे घटनाक्रम में पुष्पेंद्र नाम का एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ। उनके शरीर पर चाकू से हमले के निशान हैं। उपद्रवियों को काबू करते हुए पुलिस के 4 जवान भी घायल हुए थे। कुल 43 लोगों के घायल होने की खबर मीडिया में आई थी। इसके बाद मामले में जाँच शुरू हुई और पीएफआई का एक पत्र सामने आया जिसने इस हिंसा के सुनियोजित होने की ओर इशारा किया। बाद में कॉन्ग्रेसी नेता मतबूल की भूमिका भी पूरी हिंसा में पाई गई। मीडिया  ने जब इस बाबत प्रदेश मुख्यमंत्री से सवाल किया तो उन्होंने इसका सारा ठीकरा पीएम मोदी पर फोड़ा और कहा कि वो सामने आएँ, जिम्मेदारी लें और घटना की निंदा करें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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