मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार ने 2012 में तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत बुजुर्गों को सरकारी खर्चे पर धार्मिक यात्राएँ कराई जाती है। लेकिन, कमलनाथ के नेतृत्व में चल ही कॉन्ग्रेस की मौजूदा सरकार ने हजारों बुजुर्गों की यात्रा को अचानक रद्द कर दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बुजुर्गों को इस योजना के तहत वैष्णो देवी, रामेश्वरम्, तिरुपति, काशी और द्वारका धाम की यात्रा कराने का कार्यक्रम बना था। लेकिन, दो दिन पहले ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया। इनमें 15 फरवरी को भोपाल से वैष्णोदेवी जाने वाली तीर्थयात्रियों की विशेष ट्रेन भी शामिल है।
कमलनाथ सरकार के एक मंत्री ने इस योजना पर सवाल खड़े करते हुए इसे बंद करने की वकालत की है। मंत्री ने कहा है कि सरकार का काम लोगों को तीर्थ यात्रा कराना नहीं है। इतना ही नहीं मंत्री महोदय के अनुसार आईफा अवॉर्ड जैसे आयोजनों से प्रदेश का विकास होगा।
गौरतलब है कि तीर्थयात्रा के लिए बुक की गई पाँच ट्रेनों में से पहली ट्रेन को 15 फरवरी को 800 यात्रियों के साथ भोपाल से वैष्णो देवी के लिए रवाना होनी थी। इसके लिए चुने गए यात्रियों ने सामान वगैरह की पेकिंग के साथ सभी जरूरी तैयारियाँ कर ली थी। लेकिन 12 फरवरी को अचानक सरकार ने आख़िरी समय में इस यात्रा को रद्द कर दिया। इसके बाद से तीर्थ यात्रा को लेकर उत्साहित बुजुर्ग मायूस हैं।
कमलनाथ सरकार के सहकारिता मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह ने इस योजना को ही फालतू बताया है। उन्होंने तीर्थ स्थल जाने वालों के श्रद्धा पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “तीर्थ दर्शन योजना में लोग भक्ति भाव से नहीं, बल्कि घूमने-फिरने के लिए जाते हैं। खुद के मेहनत के रुपयों से भगवान के दर पर जाएँगे तो उनके जीवन में खुशहाली आएगी। ऐसी योजनाएँ विकास के बजाय सिर्फ वोटरों को लुभाने के लिए शुरू की गई हैं। अब उन्हें बंद किया जाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी भी कह चुके हैं कि मंदिर जाने वाले लोग ही छेड़खानी करते हैं। राहुल ने यह बयान 2014 में दिया था। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राजीव गॉंधी की 70वीं जयंती पर महिला कॉन्ग्रेस के अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, “जो लोग मंदिर जाते हैं, मंदिर में जाकर मत्था टेकते हैं और जो आपको मॉं-बहन कहते हैं वही लोग आपको बस में छेड़ते हैं।”
Madhya Pradesh Minister, Govind Singh: Govt has not thought about it but it’s my personal opinion that conducting religious events is not govt’s work. I’m against pilgrimage on government’s expenses. Money should instead be spent on education, health, & infrastructure. (14.02.20) pic.twitter.com/djXYzOou6Q
— ANI (@ANI) February 15, 2020
साथ ही मंत्री गोविंद सिंह ने आईफा अवॉर्ड पर खर्च होने वाली राशि को लेकर कहा कि इसके जरिए प्रदेश के पर्यटन स्थलों को एक अलग पहचान मिलेगी और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। आईफा अवॉर्ड प्रदेश के विकास के लिए जरूरी है।
ट्रेनें रद्द किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार की आलोचना की है। शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है, “भावनात्मक संबंधों को समझना कॉन्ग्रेस के बस की बात नहीं है। बुज़ुर्गों को तीर्थयात्रा कराना पवित्र और पुनीत कार्य है, ऐसे अच्छे कार्यों को कॉन्ग्रेस सरकार बंद कर रही है।”
भावनात्मक संबंधों को समझना कांग्रेस के बस की बात नहीं है!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 15, 2020
बुज़ुर्गों को तीर्थयात्रा कराना पवित्र और पुनीत कार्य है, ऐसे अच्छे कार्यों को कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किया जा रहा है। pic.twitter.com/j96bekZTuF
तीर्थ दर्शन योजना के तहत 4000 बुजुर्गों को वैष्णो देवी, काशी, द्वारका और रामेश्वरम की यात्रा करनी थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस यात्रा को आख़िरी समय में रद्द किया गया है। इस यात्रा को रद्द करने के पीछे राज्य के लगातार बढ़ते वित्तीय संकट को माना जा रहा है। साथ ही सरकार IRCTC के 17 करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं कर पाई है।