Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजतमिलनाडु BJP अध्यक्ष को मद्रास HC ने बताया 'लोकतंत्र का सजग प्रहरी', फर्जी दस्तावेजों...

तमिलनाडु BJP अध्यक्ष को मद्रास HC ने बताया ‘लोकतंत्र का सजग प्रहरी’, फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाने का मामला किया था उजागर

कोर्ट के आदेश में जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा, "मैं भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई को इस मुद्दे को उठाने के लिए बधाई देता हूँ। उन्होंने लोकतंत्र में एक चौकीदार की भूमिका निभाई है।"

जाली दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट जारी करने के मामले में मदुरै शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त (सीओपी) एस डेविडसन देवाशिरवथम (अब एडीजीपी इंटेलिजेंस) को मद्रास हाई कोर्ट ने क्लीन चिट दे दिया है। वहीं इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने बुधवार को तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई की इस घोटाले को उजागर करने के लिए सराहना की। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने बीजेपी नेता को लोकतंत्र का सजग प्रहरी करार दिया।

कोर्ट के आदेश में जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा, “मैं भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई को इस मुद्दे को उठाने के लिए बधाई देता हूँ। उन्होंने लोकतंत्र में एक चौकीदार की भूमिका निभाई है।”

कोर्ट ने कहा कि जज शून्य में नहीं रहते हैं और वे जमीनी हकीकत से अलग-थलग भी नहीं हैं। जस्टिस स्वामीनाथन कहते हैं, “मैंने अखबारों में पढ़ा कि राज्य भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाया था।”

यह मामला भारतीय पासपोर्ट से संबंधित है जो कथित तौर पर श्रीलंकाई नागरिकों को जारी किया गया था, जिन्होंने पते और पहचान प्रमाण के रूप में फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। इस घोटाले में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और राज्य पुलिस के अधिकारी शामिल हैं।

याचिकाकर्ता के आवेदन को संशोधित करने से इनकार करने वाले पासपोर्ट प्राधिकरण के निर्णय को चुनौती देने वाले एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट का ध्यान धोखाधड़ी से भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में गया। उन्हें एक जनहित याचिका (पीआईएल) के बारे में सूचित किया गया था, जिसमें क्यू शाखा को तीन महीने के भीतर इस मुद्दे की जाँच को खत्म करने को कहा गया था, जिसे बाद में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था।

जस्टिस स्वामीनाथन ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य है कि माननीय खंडपीठ के इस निर्देश का पालन नहीं किया गया। हालाँकि, इस आधार पर अंतिम रिपोर्ट दायर की जानी बाकी थी कि दोषी सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी नहीं मिली थी।”

कोर्ट ने कहा, “यह निंदनीय है कि मदुरै शहर का एक पुलिस स्टेशन धोखाधड़ी से 54 पासपोर्ट जारी करने में शामिल है। भ्रष्ट तत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” इस मामले में अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता डी रमेशकुमार पेश हुए, जबकि प्रतिवादियों की तरफ से वकील वी मलयेंद्रन और सरकारी अधिवक्ता जी शिवराजा पेश हुए।

इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि सत्यापन प्रक्रिया में क्षेत्रीय जाँच पुलिस अधिकारी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घूस का पैसा नोडल अधिकारी के पास पैसा रुक जाता था और मामले में उक्त रैंक से ऊपर के अधिकारियों की भागीदारी नहीं हो सकती है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe