Saturday, May 4, 2024
Homeराजनीतिमध्य प्रदेश के स्कूली किताबों में होंगे सावरकर, मुंबई का सी लिंक भी स्वातंत्र्यवीर...

मध्य प्रदेश के स्कूली किताबों में होंगे सावरकर, मुंबई का सी लिंक भी स्वातंत्र्यवीर के नाम: हार्बर लिंक को मिला अटल बिहारी वाजपेयी का नाम

एमपी के शिक्षामंत्री इंदर सिंह ने कहा, "2018 में कुछ समय के लिए कमलनाथ जी की सरकार बनी थी। वीर सावरकर की किताब एक स्कूल में बाँट दी गई थी। कमलनाथ जी की सरकार ने उस प्राचार्य को निलंबित कर दिया था। दरअसल, कॉन्ग्रेस के लोग हमारे क्रांतिकारियों को बच्चों तक पहुँचाना नहीं चाहते थे। ये उन्होंने अपनी सरकार में करके दिखाया।"

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा अटल सेतु कर दिया है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) पर अध्याय शामिल करेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, हमने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल सेतु कर दिया गया है।”

इसके अलावा, सीएम शिंदे ने आगे कहा, “हमने महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का भी बड़ा निर्णय लिया है। यह पीले और केसरी राशन कार्ड धारक तक सीमित नहीं रहेगी। इसका लाभ राज्य के सभी लोगों को दिया जाएगा।”

उधर, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सावरकर, भगवद्गीता, परशुराम, भगत सिंह जैसे महापुरुषों से संबंधित अध्याय को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने इसकी घोषणा की है।

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, “दुर्भाग्य से कॉन्ग्रेस ने भारत के सच्चे क्रांतिकारियों के बारे में नहीं पढ़ाया। हम सच्चे नायकों की जीवनियाँ शामिल करेंगे। नए पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, भगवदगीता संदेश, परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और अन्य को शामिल किया जाएगा।”

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “वीर सावरकर हमारे महान क्रांतिकारियों में से हैं, जिनको एक जन्म में दो-दो आजीवन कारावास की सजा हुई। वे पहले ऐसे लेखक हुए, जिन्होंने 1857 के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम कहा, नहीं तो लोग इसे गदर ही कहते थे। कॉन्ग्रेस शासन में विदेशी आक्रांताओं को महान लिखा गया। देशभक्तों को महान नहीं लिखा गया।”

राज्य की पिछली कॉन्ग्रेस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “2018 में कुछ समय के लिए कमलनाथ जी की सरकार बनी थी। वीर सावरकर की किताब एक स्कूल में बाँट दी गई थी। कमलनाथ जी की सरकार ने उस प्राचार्य को निलंबित कर दिया था। दरअसल, कॉन्ग्रेस के लोग हमारे क्रांतिकारियों को बच्चों तक पहुँचाना नहीं चाहते थे। ये उन्होंने अपनी सरकार में करके दिखाया।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

19 साल बाद संजय निरुपम ने की घर वापसी, शिवसेना में CM एकनाथ शिंदे ने किया स्वागत: ‘खिचड़ी चोर’ के विरोध में छोड़ दी...

संजय निरुपम फिर से शिवसेना में शामिल हो गए हैं। करीब 19 साल बाद घर वापसी करते हुए उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया।

अमित शाह फर्जी वीडियो केस में अब अरुण रेड्डी गिरफ्तार, चलाता है ‘स्पिरिट ऑफ कॉन्ग्रेस’ नाम से हैंडल: कार्रवाई देख बिलबिलाया मोहम्मद जुबैर

दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो शेयर करने के मामले में कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया टीम से जुड़े अरुण रेड्डी को तेलंगाना से गिरफ्तार किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -