महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के कारण हलचल लगातार बनी हुई है। उन्होंने मीडिया में दावा कर दिया है कि उनके साथ 41 विधायकों का सहयोग है। इनमें 34 पार्टी विधायक और 7 निर्दलीय विधायक हैं। जानकारी के अनुसार, अभी तक एकनाथ शिंदे सूरत के ली मेरीडियन होटल में अपने विधायकों के साथ रुके हुए थे। लेकिन महाराष्ट्र में सरकार बचाने की जिम्मेदारी शरद पवार को मिलते ही वह सभी विधायकों संग असम के लिए रवाना हो गए। वहाँ वह रैडिसन ब्लू होटल में रुके हैं।
गुजरात: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के साथ पार्टी के 34 विधायक और 7 निर्दलीय विधायक गुवाहाटी जाने के लिए सूरत एयरपोर्ट पहुंचे। pic.twitter.com/AAK7bCS5J9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 21, 2022
असम के लिए निकलने से पहले एकनाथ शिंदे ने गुजरात एयरपोर्ट पर मीडिया को बयान दिया, “हमने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं छोड़ा। हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएगें।” उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का लालच नहीं है। वह बस बालासाहेब के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
हमने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं छोड़ा है और नहीं छोड़ेंगे। हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएंगे: गुजरात के सूरत हवाई अड्डे पर शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे pic.twitter.com/DAQ03tr3Hr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 21, 2022
बागी विधायक असम में
सूरत से गुवाहाटी जाने के बीच एयरपोर्ट पर दिखे इन सभी नेताओं से पत्रकारों ने कई बार बातें निकलवाने की कोशिश की लेकिन किसी ने कुछ स्पष्ट नहीं बताया। किसी ने कहा वह बिरयानी खाने आए हैं तो कोई जय महाराष्ट्र का नारा लगाकर आगे बढ़ गया। अब सारे सियासी खेल को देख अंदाजा लग रहा है कि एकनाथ शिंदे अपने खेमे के विधायकों की संख्या वाला पत्र जल्द राज्यपाल को देने वाले हैं। कुछ रिपोर्ट में उनके पास 40 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है और कुछ में 46 का।
उल्लेखनीय है कि एकनाथ शिंदे समेत उनके सभी विधायक आज सुबह गुवाहटी में उतरे। जहाँ इन सबको लेने भाजपा विधायक सुशांत बोरगोहेन आए हुए थे। जब सुशांत से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं यहाँ इन्हें (शिंदे के साथ आए विधायकों) लेने आया हूँ। मैं व्यक्तिगत रिश्ते की वजह से इन्हें यहाँ लेने आया हूँ। मैंने गिनती नहीं की हुई है कि कितने विधायक यहाँ आए हुए हैं। मु्झे उन्होंने अपने कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया है।”
बागी विधायकों को मनाने में जुटी उद्धव सरकार
मालूम हो कि शिवसेना के इन सभी विधायकों से मुंबई में संपर्क टूटा था। उसके बाद सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने लगातार इनसे संपर्क की कोशिश की, पर कोई असर नहीं हुआ। सरकार पर आए संकट को लेकर उद्धव ठाकरे ने बैठक बुलाई और शरद पवार को सरकार बचाने की कमान दी। जैसे ही सूरत में बैठे विधायकों को ये मालूम हुआ तो उन्होंने सूरत से निकल गुवाहाटी जाने का निर्णय लिया।
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने मीडिया को दिए बयान में शिंदे को ‘पुराना दोस्त’ कह कर मनाने की कोशिश की। राउत ने कहा, “एकनाथ हमारे पुराने दोस्त हैं। वह जानते हैं कि हमने भाजपा क्यों छोड़ी। वह इसके गवाह हैं। हमारे दो नेता सूरत गए थे। वहाँ उन्होंने एकनाथ से बात की है।”
महाराष्ट्र की राजनीति में इन 40 विधायकों का क्या महत्व है?
महाराष्ट्र में कुल विधायकों की संख्या 288 है। इनमें भाजपा के पास अभी 106, शिवसेना पर 55, एनसीपी पर 52, और कॉन्ग्रेस पर 42 सीटें हैं। बहुमत के लिए किसी भी दल को 144 सीटें चाहिए। साल 2019 के चुनाव में भाजपा से अलग होकर शिवसेना ने कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ मिल ये आँकड़ा जुटाया था। लेकिन अब स्थिति पलटती नजर आ रही है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए 30-32 विधायकों की जरूरत है। अगर ऐसे में शिंदे भाजपा को समर्थन दे देते हैं तो उद्धव सरकार गिर जाएगी। यही वजह है कि लगातार इन सभी नेताओं को मनाने के प्रयास हो रहे हैं।