सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने सोमवार (31 जनवरी 2022) को महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उनके सुपरमार्केट और किराना की दुकानों में शराब बिक्री के (Maharashtra Government) फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। हजारे ने उद्धव ठाकरे सरकार का विरोध करते हुए कहा, “नशामुक्ति की दिशा में काम करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन मुझे यह देखकर दुख होता है कि वित्तीय लाभ के लिए सरकार ऐसे निर्णय ले रही है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों को शराब की लत लगेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य के लोग जहाँ सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं, वहीं सरकार के लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। यह राज्य के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र की सरकार ने केवल राजस्व के लिए शराब की बिक्री को इस तरह से प्राथमिकता दी है।
Maharashtra Govt’s decision to allow sale of wine in supermarkets is unfortunate. It’s the duty of Govt to work towards de-addiction, but I’m saddened to see that it is taking decisions, for financial benefits, that would result in liquor addiction: Social activist Anna Hazare pic.twitter.com/ffhN2OYMvS
— ANI (@ANI) January 31, 2022
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 27 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में किराना दुकानों और सुपर मार्केट में शराब की बिक्री का निर्णय लिया था। उन्होंने यह फैसला शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व को बढ़ाने के लिए लिया है, जिसका भाजपा पुरजोर विरोध कर रही है।
इसके लिए राज्य सरकार 1000 वर्ग फुट से अधिक के सुपरमार्केट और किराना दुकानों में अलग काउंटर बनाकर शराब की बिक्री की अनुमति देगी। राकांपा प्रवक्ता और राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने इस फैसले पर सहमति जताते हुए कहा था कि राज्य में शराब बनाने की कई फैक्ट्रियाँ हैं। यह फैसला शराब उत्पादकों की मदद के लिए ही लिया है।
वहीं, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने विरोध जताते हुए कहा था कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार ने कोरोना काल में किसानों, गरीब और छोटे व्यापारियों के हित में एक भी फैसला नहीं लिया है। सरकार की प्राथमिकता तो सिर्फ शराब है। सत्ता के नशे में चूर सरकार को भी गरीबों की थोड़ी मदद करनी चाहिए।