मुंबई के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह पहले से ही विवादों में हैं। अब महाराष्ट्र की शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता को पुणे का पुलिस कमिश्नर बनाकर एक और विवाद को न्योता दे दिया है।
#Breaking | Amitabh Gupta who gave the travel permit to Wadhawans during lockdown has been appointed as Pune top cop.
— TIMES NOW (@TimesNow) September 18, 2020
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वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता पर 8 अप्रैल, 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान घोटाले के आरोपित कपिल वाधवान, धीरज वाधवान सहित पूरे परिवार को यात्रा परमिट प्रदान करके एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का आरोप लगाया गया था। इससे पहले वह महाराष्ट्र गृह विभाग के प्रमुख सचिव थे।
लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल वाधवान, धीरज वाधवान सहित पूरे परिवार पर केस दर्ज होने के साथ ही उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुणे के निवर्तमान पुलिस आयुक्त के. वेंकटेशम का तबादला अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष अभियान) के रूप में मुंबई में किया गया है। वहीं अभिनव देशमुख को पुणे (ग्रामीण) के लिए एसपी के रूप में नियुक्त किया गया है।
अमिताभ गुप्ता द्वारा वाधवान परिवार को मँजूरी देने वाला पत्र भी सामने आया था। जिसमें महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता ने अपने आधिकारिक पत्र पर वाधवा परिवार के सदस्यों को अपना ‘फैमिली फ्रेंड’ बताया था।
वाधवान ने महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (विशेष), गृह विभाग अमिताभ गुप्ता से ‘फैमिली इमरजेंसी’ का हवाला देते हुए खंडाला से महाबलेश्वर तक की यात्रा करने के लिए विशेष पास लिया था। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वाधवान को उनके परिवार के 22 अन्य सदस्यों, दोस्तों के साथ पाँच कारों में जाने के लिए मँजूरी दी थी।
अमिताभ गुप्ता ने वाधवान परिवार के लिए जारी पास में लिखा था, ‘‘निम्नलिखित (व्यक्तियों) को मैं अच्छी तरह से जानता हूँ, क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में इमरजेंसी के कारण वह पुणे के खंडाला से सतारा के महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं। इन्हें गंतव्य तक पहुँचने में सहयोग किया जाए।’’ इस पत्र में वाधवान परिवार के 5 वाहनों की डिटेल भी दी गई थी।
बता दें कि वाधवान परिवार 9 अप्रैल की सुबह महाबलेश्वर पहुँचे थे। उन्होंने यह यात्रा ‘फैमिली इमरजेंसी’ की आड़ में की थी। स्थानीय लोगों को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना दी। जिसके बाद तहसीलदार ने फॉर्म हाउस में रहने के दौरान ही उनके खिलाफ कार्रवाई की। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा भारी शर्मिंदगी झेलने के बाद गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता को तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया था।
गौरतलब है कि डीएचएफएल के सीएमडी कपिल वाधवान और धीरज वाधवान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जाँच चल रही है। कपिल वाधवान को ईडी ने गिरफ्तार भी किया था। फिलहाल वह जमानत पर हैं। डीएचएफएल ने शेल कंपनियों को लोन-एडवांस देने और दूसरे गलत तरीकों से सार्वजनिक पैसों का अपने लिए इस्तेमाल किया।
आरोप यह भी है कि डीएचएफएल के प्रमोटरों ने संदिग्ध कंपनियों के जरिए पैसा जमा किया और इसे विदेशी संपत्ति हासिल करने के लिए भारत के बाहर भेज दिया। वहीं YES बैंक फर्जीवाड़े मामले में राणा कपूर के खिलाफ जाँच चल रही है, इसमें भी मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच के दायरे में अब वाधवान बंधु भी ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं।