Saturday, July 27, 2024
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कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘अभद्र’ टिप्पणी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर सरकारों, नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक या अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी कड़ी में अब छ्त्तीसगढ़ के सीएम का नाम भी जुड़ गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बुधवार (जून 12, 2019) को बताया कि जिले के खरोरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सारागाँव निवासी ललित यादव (34) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने यह कार्रवाई कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता की शिकायत के बाद की है। ललित यादव पर आरोप है कि उसने फेसबुक पर मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। अधिकारी ने बताया कि यादव के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, उसके बाद उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया। जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, राज्य की राजधानी में शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक के बीच पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए बनाए जा रहे स्काईवॉक से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट पर ललित ने अभद्र टिप्पणी की थी। गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में पूर्व सीएम रमन सिंह सरकार ने पैदल चलने वालों के लिए स्काईवॉक का निर्माण शुरू किया था। स्काईवॉक के निर्माण के प्रारंभ होने के साथ ही यह परियोजना विवादों में घिर गई थी। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद इसकी उपयोगिता को लेकर बहस छिड़ गई है। राज्य सरकार ने स्काईवॉक को लेकर जनता से राय माँगी है कि परियोजना को पूरा किया जाना चाहिए या फिर आंशिक रूप से खड़ी संरचना को ध्वस्त कर दिया जाए।

इससे पहले, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने बीते तीन सालों में 119 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पत्रकार प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कनौजिया को रिहा करने का आदेश दे दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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