Saturday, July 27, 2024
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‘जब 2 थे तो न डरे, आज 302 हैं फिर क्यों डरे’: MCD पर विपक्ष को अमित शाह ने खूब सुनाया, बिल पर लोकसभा की मुहर-दिल्ली में घटेंगे पार्षद

"विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या कर सत्ता हथियाना हमारी संस्कृति नहीं है। हम अपनी विचारधारा, अपने नेता की लोकप्रियता व सरकार की उपलब्धियों के आधार पर हर जगह चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं।"

दिल्ली नगर निगम एकीकरण बिल (MCD Aamendment Bill) बुधवार (30 मार्च 2022) को लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को सदन के पटल पर रखा। बिल में दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक कर पार्षदों की संख्या 250 तक सीमित करने का प्रस्ताव है। फिलहाल दिल्ली में पार्षदों की संख्या 272 है। बिल पर चर्चा के दौरान शाह ने बताया कि किन कारणों से यह बिल लाने की जरूरत पड़ी। साथ ही विपक्ष के चुनाव से भागने के आरोपों का भी जवाब दिया।

बिल पर चर्चा के दौरान शाह ने कहा, “दिल्ली सरकार एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसके चलते सारे नगर निगम अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए खुद को पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं कर पाते हैं। मैं जो बिल लेकर आया हूँ, उससे दिल्ली नगर निगम को एक किया जाएगा। एक निगम दिल्ली का ध्यान रखेगी और दिल्ली के पार्षदों की संख्या 272 से सीमित कर ज्यादा से ज्यादा 250 किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “पहले ये बँटवारा राजनीतिक उद्देश्य से किया गया था। तीनों निगमों के दस साल चलने के बाद नीतियों के बारे में एकरूपता नहीं है। नीतियों को निर्धारित करने की ताकत अलग-अलग निगमों के पास है। कार्मिकों के बीच भी असंतोष नजर आता है। तब सोच-समझकर बँटवारा नहीं किया गया था, जो लोग चुनकर आते हैं, उन्हें निगम चलाने में परेशानी होती है।”

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर चुनाव से भागने का आरोप लगाया। कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी और चुनाव कब होंगे। इसके जवाब में गृहमंत्री शाह ने कहा कि हम चुनाव से नहीं डर रहे हैं, बल्कि चुनाव से वह लोग डर रहे हैं जो अभी तुरंत चुनाव कराने की माँग कर रहे हैं। इन लोगों को लगता है कि अभी आनन-फानन में चुनाव जीत जाएँगे, लेकिन 6 महीने बाद चुनाव हुए तो जीतना मुश्किल है। बीजेपी के शुरुआती दिनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हम तो दो थे तब भी नहीं डरते थे, अब तो 302 हैं फिर क्यों डरें।”

अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, “विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या कर सत्ता हथियाना हमारी संस्कृति नहीं है। हम अपनी विचारधारा, अपने नेता की लोकप्रियता व सरकार की उपलब्धियों के आधार पर हर जगह चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं। परिवार के आधार पर पार्टी चलाने वालों को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता लगातार इस मुद्दे पर हमलावर रहे हैं कि एमसीडी चुनाव में हार के डर से भाजपा चुनाव टालने का प्रयास कर रही है। इसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें चुनाव से कोई डर नहीं है। यूपी चुनाव में आम आदमी पार्टी 349 सीटों पर चुनाव लड़ी और सभी पर उसकी जमानत जब्त हो गई। उत्तराखंड चुनाव में 70 में से 68 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त हुई। वहीं गोवा में 39 में से 35 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त हुई है।

इन चुनावों में कॉन्ग्रेस के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि वह 575 सीटों पर चुनाव लड़ी और 475 पर जमानत जब्त हो गई। वहीं बीजेपी 5 में से 4 राज्य में चुनाव जीती है। शाह ने बताया कि अनुच्छेद-239AA 3B संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इसके किसी भी भाग के बारे में उससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार देती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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