OpIndia is hiring! click to know more
Friday, April 11, 2025
HomeराजनीतिCAA के लिए नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने माँगा 6 महीने का...

CAA के लिए नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने माँगा 6 महीने का समय: 9 जनवरी, 2022 तक तय होंगे नियम

इस मामले में कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि गृह मंत्रालय ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अधीनस्थ कानूनों पर समितियों को 9 जनवरी, 2022 तक के लिए नियम बनाने के लिए कहा था।

देश में नागरिक (संशोधन) अधिनियम (CAA)-2019 के नियम बनाने के लिए मंगलवार 26 जुलाई 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छह महीने के समय की माँग की। इस मामले में कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि गृह मंत्रालय ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अधीनस्थ कानूनों पर समितियों को 9 जनवरी, 2022 तक के लिए नियम बनाने के लिए कहा था।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सहमति के बाद सीएए को लेकर 12 दिसंबर 2019 को नोटिस जारी कर दिया गया था। इसके बाद इसे 10 जनवरी, 2020 को लागू किया गया था। सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता मिल सकेगी।

धार्मिक प्रताड़ना से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आने वाले लोगों पर सीएए का कानून लागू होगा। शुरुआती तौर पर उन्हें अवैध अप्रवासी के रूप में माना जाएगा और सरकार उन्हें कानून में उल्लिखित नियमों के अनुसार भारतीय नागरिकता देगी। सीएए कानून में शामिल किए गए धर्म औऱ देशों से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार व्यक्ति भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

सीएए और दिल्ली दंगा

केंद्र सरकार ने जब देश में सीएए कानून लेकर आई तो विपक्षी दलों समेत कई लोगों ने इसका बड़े पैमाने पर विरोध किया। इन लोगों ने नागरिकता अधिनियम में संशोधन का विरोध किया। विरोधियों ने यह प्रचार करने की कोशिश की थी कि सीएए को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के साथ मिलकर भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है। दिसंबर 2019 में इसके लागू होने के बाद से पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शनों ने सभी का ध्यान खींचा। खास तौर पर शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान यहाँ पर बोलने वाले वक्ताओं के देश विरोधी भाषण चर्चित रहे।

शाहीन बाग के इन विरोधों के बैकग्राउंड में देखें तो देश में शांति व्यवस्था को भंग करने की साजिश रची गई थी। इसी कारण फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे। इस मामले में जाँच एजेंसियों ने कई गिरफ्तारियाँ की थी। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें उमर खालिद, शरजील इमाम और ताहिर हुसैन समेत कई अन्य लोग शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दंगों से जुड़े 700 से अधिक मामले दर्ज किए थे। इस मामले में मार्च 2020 के अंत तक 3,400 लोगों को हिरासत में लिया या गिरफ्तार किया था। दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों को लेकर ऑपइंडिया की रिपोर्ट यहाँ पढ़ सकते हैं।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मोदी सरकार ने कर दिखाया… कौन है आतंकी तहव्वुर राणा, 26/11 की कैसे रची साजिश; कैसे दबोचकर लाई NIA

तहव्वुर राणा पाकिस्तान हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में पढ़ा है। बाद में वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया। फिर वह कनाडा चला गया।

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जयराम रमेश के दावे की निकाली हवा, कहा- डेटा प्रोटेक्शन कानून से RTI खत्म नहीं हुआ: कॉन्ग्रेस नेता ने...

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 "पुट्टस्वामी फैसले में दी गई निजता के सिद्धांतों और आरटीआई एक्ट में तय की गई पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।"
- विज्ञापन -