वामपंथी गिरोह के चंगुल में फँसकर वैचारिक दिवालिएपन की शिकार कॉन्ग्रेस के कैसे दिन आ गए हैं कि अब किसी भी हद तक जाकर झूठ और अफवाह फ़ैलाने में लग गई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ताजा मामला मध्य प्रदेश के भोपाल में कॉन्ग्रेस द्वारा चलाए जा रहे अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिविर में कथित रूप से ‘वीर सावरकर’ नाम की पुस्तिका का वितरण किया गया है। इस पुस्तिका में बीजेपी पर निशाना साधने के लिए सावरकर को टारगेट करते हुए उनके आसपास की कई घटनाओं, सवालों और विवादों का जिक्र है।
विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कॉन्ग्रेस द्वारा जारी की गई विवादित पुस्तिका में दावा किया गया है, “महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ हिंदू महासभा के सह-संस्थापक का शारीरिक संबंध था।”
रिपोर्ट के अनुसार, डोमिनिक लैपिएरे और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में उल्लेखित एक घटना का उल्लेख करते हुए, कॉन्ग्रेस द्वारा जारी बुकलेट में कहा गया है, ” ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले, नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है। यह समलैंगिक संबंध था। उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरू वीर सावरकर।”
आरएसएस और वीर सावरकर पर कॉन्ग्रेस द्वारा जारी पुस्तिका में कॉन्ग्रेस ने हिंदू महासभा के सह-संस्थापक से संबंधित कुछ सवाल-जवाब में जिन विषयों को चुना है और जिन वाक्यांशों का जिक्र किया है वे आने वाले समय में नए विवादों को जन्म देंगे।
विवादित पुस्तिका में एक सवाल है, “क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं के बलात्कार के लिए प्रोत्साहित किया?’ और प्रश्न का उत्तर, जैसा कि कॉन्ग्रेस की पुस्तिका में बताया गया है, ‘हाँ’ है।
इस पुस्तिका में दावा यह भी है कि सावरकर ने 12 साल की उम्र में एक मस्जिद पर पथराव किया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस द्वारा वितरित पुस्तिका में आरएसएस को “नाजी और फासीवादी” संगठन के रूप में वर्णित किया गया है। साथ ही बताया गया है कि उसने इसकी प्रेरणा हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से ली है।
Lalji Desai,Rashtriya Seva Dal on a line in Congress Seva Dal booklet reading,’Savarkar had physical relationship with Nathuram Godse’:Writer has written it on basis of evidence.But that’s not imp for us. In our country today,everyone has legal right to have their own preferences pic.twitter.com/UpqcC6rOsl
— ANI (@ANI) January 2, 2020
कॉन्ग्रेस के इस प्रपंच का कारण भी आप समझ गए होंगे। यह जानबूझकर उस गिरोह को भड़काने की साजिश है जो आज NRC के विरोध के नाम पर सड़क पर है। हिंसा पर अमादा है। यह पुस्तिका भी आरएसएस और सावरकर को बदनाम करने तथा समुदाय विशेष को भड़काने की कॉन्ग्रेस के चिरपरिचित अंदाज का एक हिस्सा है।