26 जनवरी 2021 को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान नवरीत सिंह की मौत हो गई। वह पुलिस बैरिकेडिंग पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान ट्रैक्टर पलट गई और उसके नीचे दबने से उसकी मौत हो गई। आज (4 फरवरी 2021) उसके परिवार से मिलने कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी उत्तर प्रदेश के रामपुर पहुॅंची।
मौत पर सियासत कॉन्ग्रेस के लिए नई बात नहीं है। प्रियंका के इस दौरे से एक बार फिर यह साबित हुआ है।इसके जरिए कॉन्ग्रेस ने एक बार फिर नवरीत की मौत पर प्रोपेगेंडा फैलाते हुए इसके लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।
यूपी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, “नवरीत कनाडा से आए थे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हो गई। प्रियंका गाँधी रामपुर में आज उनके परिवार से मिलेंगी।”
प्रियंका के दौरे से पहले यह बयान देने वाले लल्लू केवल यूपी कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष ही नहीं हैं। उनके बचाव में खुद प्रियंका आलेख लिखती हैं। इससे समझा जा सकता है कि इस प्रोपेगेंडा को हवा देने का इशारा उन्हें कहॉं से मिला होगा।
We’ve come to know that a farmer Navneet ji who came from Canada & was participating in protest peacefully, was shot at by Police & lost his life, during tractor rally. Priyanka Gandhi ji will meet his family at his residence in Rampur today: UP Congress president Ajay Kr Lallu https://t.co/uFx7bRjs52 pic.twitter.com/wLrYb7qE6M
— ANI (@ANI) February 4, 2021
बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा के दौरान हुई नवरीत की मौत के बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह की अफवाहें फैलाई गई थी। कुछ लोगों का कहना था कि पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश करने के दौरान उसे पुलिस ने गोली मार दी थी। कई मीडिया पोर्टलों, पत्रकारों और राजनेताओं ने फर्जी खबरों को हवा दी थी।
अफवाहों पर विराम लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था। इसमें देखा गया था कि आईटीओ के पास पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश में तेज रफ्तार ट्रैक्टर पलट जाता है। ट्रैक्टर के नीचे नवरीत दब जाता है। उसके सर पर काफी चोट लगती है और उसकी मौत हो जाती है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी दिल्ली पुलिस के स्पष्टीकरण की पुष्टि हुई थी।
लेकिन, प्रोपेगेंडा और राजनीतिक अवसरवाद के जरिए यूपी में अपनी जमीन तलाश रही कॉन्ग्रेस को इनसे फर्क नहीं पड़ता। यही कारण है कि पार्टी सच्चाई को पूरी तरह से दरकिनार कर अपन नैरेटिव आगे बढ़ाने में लगी है।
झूठ के आसरे कॉन्ग्रेस तब गुमराह करने का प्रयास कर रही है जब उसके सांसद शशि थरूर, उसके मुखपत्र से जुड़ीं मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई सहित कई लोगों पर इस मामले में एफआईआर भी हो चुकी है।