Saturday, May 11, 2024
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नानक देव जी की तपोभूमि वापस लेने की कॉन्ग्रेस तीन-तीन मौके चूकी: PM मोदी, कहा- जहाँ भाजपा आई, वहाँ से तुष्टीकरण की विदाई

एम मोदी ने कहा कि 1965 की लड़ाई में भारतीय सेना लाहौर में झंडा फहराने की ओर बढ़ रही थी। पहला मौका विभाजन के समय चुके, फिर 65 में चूक गए। 1971 की लड़ाई में 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए। अगर दिल्ली में बैठी सरकार में दम होता तो कह देते कि इन सैनिकों के बदले गुरु नानक देव जी की तपोभूमि को वापस लेते। 

आगामी 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly election 2022) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार (16 फरवरी) को पठानकोट में एक सभा को संबोधित किया। जय श्रीराम, जो बोले सो निहाल और वाहे गुरु जी का खालसा… के नारे देकर उन्होंने नवा पंजाब (नया पंजाब) बनाने का वादा किया। उन्होंने इसे फतह संदेह कहा। उन्होंने कहा कि इस सीमावर्ती राज्य के विकास और नशामुक्ति के लिए भाजपा को सत्ता में लाना आवश्यक है।

पीएम मोदी ने कहा कि पंजाब स्थित माझा की धरती ने उन्हें माँ जैसा प्यार दिया है। जब वो जम्मू जाने के दौरान यहाँ ठहरते थे तो लोग उन्हें टिफिन में खाना लाकर देते थे। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों का यह प्यार उन्हें आज भी याद है। संत रविदास को याद करते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा चाहूँ राज मैं मिले सबन को अन्न, छोट बड़ो सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों पर जोर देते हुए वहाँ के स्कूलों में एनसीसी का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए पंजाबियत सबसे प्रमुख है, लेकिन भाजपा विरोधी पंजाब को सियासत के चश्मे से देखते हैं। 

कॉन्ग्रेस पर मौखिक हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “भारत विभाजन हुआ तो नेता कॉग्रेस के थे, लेकिन उन्हें इतनी समझ नहीं आई कि सीमा से 6 किलोमीटर दूर हमारे गुरु नानक देव जी की तपोभूमि है और उसे अपने पास नहीं रख सके। इसे पाकिस्तान को देकर कॉन्ग्रेस ने भारतीयों की भावनाओं को कुचला और जघन्य पाप किया

पीएम मोदी ने कहा कि 1965 की लड़ाई में भारतीय सेना लाहौर में झंडा फहराने की ओर बढ़ रही थी। तब भारत के पास गुरु नानक देव जी भूमि भारत के पास होती। पहला मौका विभाजन के समय चुके, फिर 1965 की लड़ाई में चूक गए। उसके बाद 1971 की लड़ाई में 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए। अगर दिल्ली में बैठी सरकार में दम होता तो कह देते कि इन सैनिकों के बदले गुरु नानक देव जी की तपोभूमि को वापस लेंगे। 

उनहोंने कहा कि जिस करतारपुर कॉरिडोर को कल तक दूरबीन से देखते थे, आज वहाँ जाकर दर्शन करके आते हैं। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब में खून-खराबे का कलंक इस सरकार के नाम पर दर्ज है। ये वही कॉन्ग्रेस के लोग हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा जनता का हाथ पकड़ती है तो न वह जनता का हाथ छोड़ती है और न जनता भाजपा का साथ छोड़ती है। भाजपा लोगों के विकास के लिए हर तरह का त्याग करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा का पैर जहाँ जम जाता है, वहाँ दिल्ली में बैठकर सरकार चलाने वालों का पैर उखड़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘जहाँ भाजपा आई, वहाँ से भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की विदाई।’ कॉन्ग्रेस पुलवामा पर भी सवाल उठाकर अपने पापलीला से बाज नहीं आई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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